यहां बर्फ के लिए देवता की शरण में पहुंचे लोग

Sunday, Jan 22, 2017 - 02:08 AM (IST)

उदयपुर/मनाली: लाहौल-स्पीति के बिलिंग गांव के लोग बर्फबारी कम होने की वजह से नाग देवता की शरण में जा पहुंचे हैं। इस वर्ष लाहौल घाटी में कम बर्फबारी हुई है जोकि सामान्य नहीं है, क्योंकि लाहौल घाटी में हर वर्ष 6 फुट से भी अधिक बर्फ बारी होती थी लेकिन इस वर्ष पूरी घाटी में एक फुट से कम बर्फ  गिरी है जिस कारण पूरी घाटी ङ्क्षचता में पड़ गई है। लाहौल-स्पीति की पूरी घाटी की खेतीबाड़ी बर्फ  पर निर्भर है इसलिए घाटी के लोग आपस में मंत्रणा कर नाग देवता की शरण में जा पहुंचे। लोगों ने यह उम्मीद जताई है कि नाग देवता उनकी गुहार को सुनेंगे और घाटी में भारी बर्फबारी होगी। लाहौल-स्पीति में इस बार सामान्य से बहुत कम फीसदी तक हिमपात हुआ है। लाहौल-स्पीति में अठारह नाग देवता को बारिश के लिए पूजते हैं। यदि भयंकर सूखा पड़ जाए तो भी लोग इसी मंदिर में पहुंचते हैं। 

बर्फ के रेगिस्तान में 75 फीसदी कम हिमपात
बर्फ के रेगिस्तान में ही बर्फ नहीं यह बात हैरान करने वाली है जबकि प्रदेश में अनेक जगह बर्फ से बेहाल है, ऐसे में स्पीति में बर्फ न होना भी यहां के लोगों को परेशान कर रहा है। बता दें कि लाहौल-स्पीति में मटर और आलू की फसल आर्थिकी की रीढ़ मानी जाती है। कम बर्फबारी फसल के लिए घातक है। नाग देवता के गूर सतीश ने बताया कि इस बार घाटी में 75 फीसदी कम हिमपात हुआ। मौसम की यह मार आगामी फसलों के लिए घातक साबित हो सकती है। घाटी के ग्रामीणों ने बताया कि जब भी घाटी में मौसम की मार से लोग जूझ रहे हों तो अठारह नाग देवता के मंदिर में जाते हैं। देवता से सलाह लेकर आगामी कार्रवाई होगी।

देवता बोले-देव कारज प्राथमिकता से निपटाओ सब ठीक होगा
लाहौल-स्पीति के विभिन्न गांवों के लोगों ने नाग देवता के मंदिर में कम बर्फबारी की वजह जाननी चाही तो देवता ने कहा कि स्थिति सामान्य हो जाएगी, साथ ही लोगों को चेताया कि देव कारज के आदेश होते हैं तो उसे प्राथमिकता के आधार पर निपटाओ। इस पर लोगों ने अठारह नाग देवता से माफी मांगी और भविष्य में इस तरह की गलती न करने की बात कही। शीत रेगिस्तान में बर्फबारी कम होने से लोग परेशान हैं।