फोरलेन भूमि अधिग्रहण की मुआवजा राशि पर भड़के लोग, सरकार को दी ये चेतावनी

Friday, Jun 29, 2018 - 03:09 PM (IST)

नूरपुर: फोरलेन विस्थापितों को उनकी अधिग्रहण की जाने वाली भूमि तथा निर्माणशुदा इमारत का मुआवजा प्रति सेंटीयर मात्र 8 हजार रुपए निश्चित करना सभी प्रभावित लोगों के हितों के साथ भारी अन्याय व कुठाराघात है तथा यह कथित मुआवजा किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह बात गत दिन नागबाड़ी में फोरलेन संघर्ष समिति की एक बैठक जोकि समीति के अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उन्होंने मांग की है कि यह मुआवजा जमीन के वर्तमान प्रचलित दाम से बहुत ही कम है तथा मुआवजे की यह कथित दर उन्हें तबाह कर डालेगी क्योंकि इतनी कम राशि से उनका पुनर्वास होना असंभव है।


20 कस्बों के लोगों में पनपा रोष
बैठक में इस बात पर हैरानी व्यक्त की गई है कि हाल ही में सभी आर्थिक पहलुओं के बाद प्रशासन द्वारा सरकार फैक्टर-2 के करीब मुआवजा की अनुशंसा की गई थी, जिससे प्रभावित लोगों ने किसी सीमा तक राहत की सांस ली थी लेकिन अब इसमें कमी लाई जा रही है जिस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कंडवाल से 32 मील तक के प्रभावित करीब 20 कस्बों के लोगों में रोष पनप गया है।


...तो आंदोलन करने से नहीं करेंगे गुरेज
बैठक में सरकार को कड़ी चेतावनी दी गई है कि अगर उन्हें फैक्टर-2 के तहत उनकी जमीनों का मुआवजा नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेंगे। समिति के महासचिव विजय सिंह हीर के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में फैक्टर-2 पर सहानुभूतिपूर्ण विचार-विर्मश की बात कही गई। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य औपचारिकताएं जल्द पूरी कर मुआवजा दिया जाने के संकेत दिए जा चुके हैं लेकिन सरकार अगर फैक्टर-1 के तहत उनकी कीमती भूमि लेना चाहती है तो विस्थापित न तो अपने आधार व पैन कार्ड सरकार को देंगे और न ही यह मुआवजा स्वीकार करेंगे।

Vijay