बच्चों को कुल्लू-मनाली भेजने से डर रहे लोग, जानिए क्या है वजह

Tuesday, Nov 07, 2017 - 11:19 PM (IST)

कुल्लू: किसी भी पर्यटन स्थल पर जाकर शांति और सुकून के पल बिताने की हर किसी के मन में ख्वाहिश रहती है। हजारों किलोमीटर दूर स्थित ऐसे स्थानों तक पहुंचना लोगों का सपना रहता है। ऐसे स्थानों पर लोग परिवार सहित ही नहीं पहुंचते बल्कि शैक्षणिक संस्थानों से भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं ऐसे स्थानों पर जाकर मौज-मस्ती करना चाहते हैं। कुल्लू-मनाली भी एक ऐसी जगह है, जहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। रोहतांग के दीदार के साथ-साथ लोग कुल्लू की अन्य घाटियों का भी रुख करते हैं। नशे का बढ़ता कारोबार लोगों को डरा रहा है। दूसरे प्रांतों से घूमने-फिरने आ रहे कई युवा कुल्लू-मनाली में नशे की खेप के साथ पकड़े भी जा रहे हैं। इनमें कई छात्र भी शामिल हैं।

18 से 25 वर्ष की उम्र के युवक हुए हैं गिरफ्तार 
पुलिस विभाग की फाइलों पर निगाहें दौड़ाएं तो चालू वर्ष में ही चरस और अन्य नशों की बरामदगी के मामलों में पुलिस ने जितने लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें अधिकतर युवा हैं। पकड़े जा रहे 35 फीसदी से भी ज्यादा लोगों में 18 से 25 वर्ष की उम्र तक के हैं। इनमें से कई देश के दूसरे प्रांतों से हैं और पकड़े जाने के बाद जब पुलिस विभाग ऐसे युवाओं के परिजनों को सूचित कर रहा है तो परिजनों को पहले तो विश्वास ही नहीं हो रहा है। अंतत: सच को कबूल कर जब परिजन पूरी जानकारी हासिल कर रहे हैं तो उसके बाद बच्चों को कुल्लू-मनाली भेजने का ख्याल तक अपने मन से निकाल रहे हैं। पुलिस विभाग नशे की तस्करी के खिलाफ लगातार अपना अभियान जारी रखते हुए नशा माफिया की घेराबंदी कर रहा है। 

ऐसे लोगों को नशे का आदी बना रहा नशा माफिया
विभाग का मकसद हालांकि बड़े मगरमच्छों को दबोचना है लेकिन नशे के गोरखधंधे से जुड़े बड़े मगरमच्छों ने भी काले कारोबार को करने का तरीका बदल दिया है। ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें कोई युवा-घूमने फिरने के लिए कुल्लू-मनाली आ रहा हो और यहां से चरस का सेवन करने के बाद कुछ खेप साथ लेकर वापस निकलने की फिराक में हो। कई युवा तो ऐसे भी हैं जिन्हें यह तक मालूम नहीं होता कि चरस की 100 ग्राम खेप के  साथ पकड़े जाने पर भी कई वर्षों तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ सकता है। माफिया किसी तरह ऐसे लोगों को अपने झांसे में लेकर पहले उन्हें नशे का आदी बना रहा है और फिर उन्हें यहां से खेप लेकर वापस लौटने के लिए मजबूर कर रहा है।

मास्टर प्लान तैयार करे पुलिस
कुल्लू के बुद्धिजीवियों डा. नरेश कुमार शर्मा, सी.एल. आचार्य, रमेश कुमार शर्मा, डा. डी.एन. सारस्वत, हीरा लाल ठाकुर व गोपी चंद शर्मा सहित अन्य लोगों ने कहा कि कई सैलानियों से उनकी मुलाकात होती है। कई नशे की चर्चा भी करते हैं और अपने बच्चों को भविष्य में अकेले कुल्लू-मनाली न भेजने की बात करते हैं। नशे के फलफूल रहे कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग कोई मास्टर प्लान तैयार करे ताकि कुल्लू-मनाली को लोग नशा उत्पादन स्थल की बजाय एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में ही पहचानें। 

शिकंजे के बावजूद फलफूल रहा कारोबार
नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस जिस तरह से शिकंजा कस रही है, उसी तेजी से यह कारोबार फलफूल रहा है। माफिया नशे की तस्करी के तरीके बदल-बदल कर पुलिस की आंखों में भी धूल झोंक रहा है। हालांकि कुछ देर की चालाकी के बाद नशे के गोरखधंधे से जुड़े लोगों पर कानून का शिकंजा कस भी रहा है। पिछले लगभग 6 वर्षों की पुलिस विभाग की फाइलों पर निगाह दौड़ाएं तो 5 क्विंटल के करीब चरस पकड़ी गई है। पकड़ी गई खेप के साथ नेपालियों और देश के विभिन्न प्रांतों के लोगों की भी गिरफ्तारियां हुई हैं। 

नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान तेज
ए.एस.पी. कुल्लू निश्चिंत सिंह नेगी ने बताया कि नशे के खिलाफ पुलिस ने अभियान तेज किया हुआ है। यूथ भी नशे की खेप के साथ पकड़ा गया है। अधिक खेप लेकर सफर करना इस बात की ओर भी इशारा करता है कि संबंधित व्यक्ति नशे का स्वयं इस्तेमाल करने के साथ-साथ तस्करी भी करता होगा। युवाओं का नशे की खेप के साथ पकड़ा जाना चिंता का विषय है।