मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे पैंशनर्ज, सरकार को दी यह चेतावनी

Friday, Sep 08, 2017 - 01:40 AM (IST)

धर्मशाला: हिमाचल पैंशनर्ज कल्याण संघ ने वीरवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ रैली निकाल कर अपना गुबार निकाला है। जिला भर के सभी पैंशनर्ज ने मिलकर धर्मशाला शहीद स्मारक से लेकर डी.सी. कांगड़ा कार्यालय तक रोष रैली निकालकर प्रदेश सरकार पर रोष प्रकट किया है व एस.डी.एम. श्रवण मांटा के माध्यम से राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू व कैबिनेट के सभी मंत्रियों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया। 

इससे बड़ी घटिया बात क्या हो सकती है
रैली को संबोधित करते हुए हिमाचल पैंशनर्ज कल्याण संघ के जिला अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश भर के पैंशनर्ज के साथ धोखा तथा भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाए हुए है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में पैंशनर्ज की जो मांगें मानने बारे लिखा गया था, उन्हें आज दिन तक नहीं माना गया है, इससे बड़ी घटिया बात क्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पैंशनर्ज को केवल निर्धारित भत्ते की 50 रुपए बढ़ौतरी की गई है जोकि अन्याय किया है। 

...तो मंत्रियों, विधायकों व मुख्यमंत्री का होगा घेराव
उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश सरकार अब होने वाली कैबिनेट बैठक में पैंशनर्ज की मुख्य मांगों को नहीं मानती या उनके बारे अधिसूचना जारी नहीं करती है तो सभी मंत्रियों, विधायकों तथा मुख्यमंत्री का प्रदेश भर में घेराव किया जाएगा। सुरेश ने बताया कि इससे बड़ी हैरानी वाली बात क्या हो सकती है कि खून पसीने से कमाई हुई अपनी कमाई को लेने के लिए मंत्रियों से मिलना पड़ता है।

ये हैं पैंशनर्ज की मांगें
1. सभी पैंशनर्ज को 65, 70, 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर 5, 10 व 15 प्रतिशत भत्ते को मूल पैंशन में समायोजित किया जाए। 
2. पैंशनर्ज के लिए चिकित्सा भत्ता 400 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए किया जाए। 
3. पैंशनर्ज के लिए एल.टी.सी. का प्रावधान किया जाए व ग्रेड-पे में समानता लाई जाए।
4. 1-1-2006 से पहले सेवानिवृत्त पैंशनर्ज जिनका सेवाकाल 33 वर्ष से कम होने वालों को केंद्र सरकार की तर्ज पर 50 प्रतिशत बेसिक पे पर पैंशन दी जाए।
5. कैसलैस चिकित्सा लाभ केंद्र सरकार की तर्ज पर मुहैया करवाया जाए।
6. न्यू पैंशन स्कीम को जल्द खत्म किया जाए व पुरानी पैंशन को बहाल किया जाए। 
7. सेवा विस्तार को तुरंत बंद करना व जो भी सेवा विस्तार में रखे हैं उन्हें तुरंत निकाला जाए।