स्क्रब टाइफस की चपेट में आए मरीजों की संख्या पहुंची 60, IGMC प्रशासन अलर्ट

Friday, Aug 31, 2018 - 07:27 PM (IST)

शिमला: प्रदेश में स्क्रब टाइफस थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक माह का आंकड़ा देखा जाए तो आई.जी.एम.सी. में 60 मरीज स्क्रब टाइफस की चपेट में आ चुके हैं। इन दिनों भी मरीज उपचार करवाने पहुंच रहे हैं। स्क्रब टाइफस जानलेवा बनता जा रहा है। बीते 24 अगस्त को स्क्रब टायफस से ठियोग के रहने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत तक हो चुकी है। वर्तमान वर्ष में स्क्रब टाइफस से एक मौत हुई है। बरसात के दिनों में उगने वाली घास में पाए जाने वाले पिस्सू से स्क्रब टाइफस अधिक फैलता है, जिससे मरीज की मौत तक हो जाती है, ऐसे में चिकित्सकों द्वारा भी लोगों को तर्क दिया जा रहा है कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी।

आई.जी.एम.सी. में आईसोलैशन वार्ड तैयार
स्क्रब टाइफस के मामले आने से आई.जी.एम.सी. प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने स्क्रब टाइफस पीड़ितों के लिए आईसोलैशन वार्ड तैयार किया है, जिसमें पीड़ित मरीजों का उपचार हो रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया हैं कि स्क्रब टाइफस की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है लेकिन महज नजर रखने से इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है।

किसानों और बागवानों की संख्या अधिक
विभागाधिकारियों का कहना है कि मॉनीटरिंग की जा रही है और रोजाना रिपोर्ट निदेशालय और सचिवालय भेजी जाती है। चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाडिय़ों से दूर रहें और घास आदि में न जाएं लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है। यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है। आई.जी.एम.सी. में आए अब तक के मरीजों में किसान व बागवानों की संख्या अधिक है।

Vijay