23 दिनों के बाद पठानकोट-मंडी NH बहाल, सांसद ने थपथपाई अधिकारियों की पीठ

Sunday, Aug 19, 2018 - 07:31 PM (IST)

पधर: कोटरोपी के पास सड़क ढहने के चलते बंद पठानकोट-मंडी एन.एच. 23 दिनों के लंबे इंतजार के बाद यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। प्रशासन व एन.एच.ए.आई. के संयुक्त प्रयासों से रविवार को वाहनों की आवाजाही के लिए जिला प्रशासन ने इसे खोल दिया है। सांसद राम स्वरूप ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों की पीठ थपथपाई और उनका काफिला यहां से गुजरा। बता दें कि सांसद ने इस मार्ग को बहाल करने के लिए आज की डैडलाइन जारी की थी और लोक निर्माण विभाग की बजाय यह कार्य एन.एच.ए.आई. से करवाने के निर्देश दिए थे।

लोक निर्माण विभाग ने भी ली चैन की सांस
वैकल्पिक राज्य मार्ग पधर-नौहली-भराड़ू-जोगिंद्रनगर और जोगिंद्रनगर-घटासणी-झटिंगरी-डायनापार्क-पधर की बरसात के मौसम में व्यवस्था देख रहे राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग ने भी कोटरोपी के पास हाईवे खुलने से चैन की सांस ली है। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि तैनात की गई 2 पुलिस चौकियां हाईवे खुलने पर दिन और रात को मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर चौकस रहेंगी। यहां 12 स्ट्रीट लाइटें लगा दी गई हैं ताकि पर्याप्त रोशनी हो सके।

खराब मौसम में जारी रहता काम तो जल्द बहाल होता हाईवे
नैशनल हाईवे पर कोटरोपी को बहाल करने में शायद इतना लंबा समय नहीं लगता, अगर प्रशासन ने खराब मौसम में भी हाईवे को बहाल करने का कार्य जारी रखा होता। कुछ दिनों तक इंजीनियर के माध्यम से प्रशासन पुराने हाईवे की अलाइनमैंट को ढूंढता रहा। मौजूदा समय में हाईवे की पुरानी अलाइनमैंट तक न पहुंच पाना एक टेढ़ी खीर रहा और विवश होकर कोटरोपी के मलबे के ऊपर से दोबारा नया ट्रेस निकाल कर हाईवे का निर्माण करना हाईवे को बहाल करने में देर से लिया दुरुस्त निर्णय साबित हुआ है। 

आनन-फानन में शुरू किए कार्य का लोगों ने जताया विरोध
कोटरोपी के पास प्री-मानसून में रिस्टोरेशन का कार्य जिला प्रशासन द्वारा निर्माण एजैंसी को बदलकर बी. एंड आर. को सौंपना भी एक बड़ी चूक इस बार प्रशासन की रही है। प्री-मानसून में यहां आनन-फानन में लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू किए गए कार्य का स्थानीय लोगों ने विरोध कर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। डी.सी.मंडी ने स्वयं कोटरोपी पहुंचकर हालात को देखा, लेकिन लोगों के विरोध को हल्के से ले लिया। नतीजतन यहां जितना भी पैसा खर्च किया गया, वह सब व्यर्थ चला गया।

Vijay