PAT शिक्षकों को नहीं मिली राहत, सरकार की घोषणा महज चुनावी स्टंट!

Monday, Aug 07, 2017 - 12:10 PM (IST)

शिमला: अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने बीते शनिवार की कैबिनेट में पैट अध्यापकों को कोई राहत नहीं दी है। यह महज चुनावी स्टंट है। सरकार जो लाभ शिक्षकों को पहले से दे रही है, उनकी घोषणा इस कैबिनेट में की है। पैट अध्यापकों का कहना है कि सरकार शिक्षकों को 10 कैजुअल लीव देने की बात कर रही है जो हमें वर्ष 2003 से मिल रही हैं बल्कि सरकार को इन्हें 12 करना चाहिए था। इसके साथ ही शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि सरकार ने कैबिनेट में पैट को मैडीकल लीव देने की बात की है जो एक छलावा है। 


पैट शिक्षकों को नहीं दिया अलाऊंस
मैडीकल लीव उसे दी जाती है जिसे मैडीकल अलाऊंस दिया जाता है। पैट शिक्षकों को यह अलाऊंस ही नहीं दिया जाता है। उनका मानदेय फि क्स है। इसके अलावा शिक्षकों का कहना है कि कैबिनेट ने पैरा अध्यापकों को रैगुलर पे स्केल देने का प्रावधान किया है। पैट और पैरा अध्यापकों की एक समान नीति होने के बावजूद पैट को आज भी फि क्स पर रखा गया है। पैरा अध्यापकों को समान पॉलिसी होने के बावजूद रैगुलर पे स्केल देना तथा नियमित करना प्रदेश सरकार की दोहरी मानसिकता व राजनीति को दर्शाता है।


10 वर्ष से है वन टाइम ट्रांसफर पॉलिसी का प्रावधान
शिक्षकों का आरोप है कि कैबिनेट में पैट को वन टाइम ट्रांसफर पॉलिसी की बात हुई है, यह लाभ शिक्षकों को 10 वर्ष पहले दिया गया था। महासंघ का कहना है कि आज प्रदेश सरकार चुनावी वर्ष में ऐसी घोषणाएं करके पैट के साथ राजनीति कर रही है। बीते शनिवार को हुई कैबिनेट प्रदेश सरकार का मात्र एक चुनावी स्टंट है। इसमें पैट अध्यापकों को कोई राहत नहीं दी है। अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौहान व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चंदन नेगी ने पैट अध्यापकों की उपेक्षा व उनके शोषण का आरोप प्रदेश सरकार व प्रारंभिक शिक्षा विभाग पर लगाया है। शिक्षकों का कहना कि पैट अध्यापक नियमितीकरण के सभी मापदंड पूरे करते हैं, इसके बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है।