जज्बे को सलाम, सेना में लेफ्टिनेंट बनी हिमाचल की ये 3 बेटियां

Wednesday, Jan 25, 2017 - 09:48 AM (IST)

सरकाघाट: वीरों की भूमि हिमाचल की बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। चाहे वह शिक्षा क्षेत्र हो, खेल मैदान हो या फिर सेना में जाकर देशसेवा करने का जज्बा। प्रदेश की तीन बेटियां भी 8 फरवरी को लेफ्टिनेंट पद पर ज्वाइनिंग देंगी। इनकी इस उपलब्धि से परिजनों का ही नहीं, बल्कि हर हिमाचली का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। मंडी जिला की बेटियां इस वर्ष सेना में भर्ती होकर जिला का मान बढ़ाने में आगे आ रही हैं। सरकाघाट व धर्मपुर उपमंडल से अभी तक 3 छात्राओं ने सेना में अधिकारी के पद हासिल कर क्षेत्र का मान बढ़ाया है। इसी के चलते सरकाघाट की गोपालपुर पंचायत के डोल गांव की शिल्पा राव पुत्री तिलक राज राव भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट चयनित हुई है। शिल्पा का बचपन से ही सेना में जाने का सपना था और अब वह बाकायदा 8 फरवरी को महाराष्ट्र के अहमदनगर में सेना मुख्यालय में ज्वाइनिंग देगी। शिल्पा ने मैट्रिक व जमा 2 की परीक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गोहर से पास की जबकि 4 साल की बी.एससी. नर्सिंग बड़ू साहिब अकाल नर्सिंग कालेज सिरमौर से की।

आई.जी.एम.सी. में बतौर स्टाफ नर्स दे रही सेवाएं
वर्तमान में शिल्पा आई.जी.एम.सी. शिमला में बतौर स्टाफ  नर्स सेवाएं दे रही है। शिल्पा की माता पूनम राव प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत हैं जबकि पिता तिलक राज राव का अपना बिजनैस है। भाई राहुल राव गृह मंत्रालय में विशाखापट्टनम में सेवाएं दे रहा है। शिल्पा ने बताया कि उसने सेना में जाने के लिए सितम्बर में लखनऊ में टैस्ट दिया था। उसने बताया कि उसने यह मुक ाम अपने मामा जो नबाही स्कूल में फि जिक्स प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं और भाई व पिता के मार्गदर्शन से हासिल किया है।

कंचन ठाकुर ने पास की मिलिटरी नर्सिंग सर्विस की परीक्षा 
सरकाघाट की कंचन ठाकुर ने शॉर्ट सर्विस कमीशन 2017 में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए मिलिटरी नर्सिंग सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब वह लैफ्टिनैंट के पद पर आर्मी अस्पताल किड़की पूना में 8 फ रवरी, 2017 से अपनी सेवाएं देगी। कंचन पुत्री सुशीला ठाकुर व ओम प्रकाश गांव करेड़ तहसील बल्द्वाड़ा जिला मंडी की रहने वाली है। कंचन के पिता ओम प्रकाश जो वन विभाग में निजी सहायक के पद पर अरण्यपाल मंडी के कार्यालय में कार्यरत हैं, ने बताया कि कंचन का शुरू से ही कुछ अलग करने का ध्येय था। कंचन ने हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी पाने के बावजूद ज्वाइन नहीं किया और उच्च पद प्राप्त करने के जुनून व कड़ी मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया। कंचन की माता गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर तैनात हैं।