Solan: किराए की दुकान में चल रहा यह सरकारी स्कूल, शिक्षक व अभिभावक दे रहे किराया
punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2024 - 06:10 PM (IST)
परवाणू (विकास): क्षेत्र के कोट बेजा पंचायत के गुनाई गांव में सर्व शिक्षा अभियान के स्कूल चलो अभियान का मुख्य नारा 'सब पढ़ें सब बढ़ें' नारा इस स्कूल में सार्थक होता नजर नहीं आता है। हैरानी की बात है कि स्कूल में महीनों से छात्रों के बैठने के लिए भवन की सुविधा ही नहीं है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला के विधार्थी इन दिनों स्कूल की बिल्डिंग टूट जाने के चलते लगभग 7 महीनों से सामुदायक भवन की बिल्डिंग व किराए पर ली गई दुकान में पढ़ने को मजबूर हैं। किराए पर ली गई इन तीनों दुकानों का 3 हजार रुपए किराया स्कूल के शिक्षकों व अभिभावकों द्वारा दिया जा रहा है। एक दुकान में कक्षा चल रही है और 2 दुकानों में स्कूल का सामान रखा गया है। कुछ कक्षाएं सामुदायिक भवन में चल रही हैं।
स्कूल प्री नर्सरी से 5वीं तक है। स्कूल में बच्चों की कुल संख्या 54 है व 2 ही शिक्षक तैनात हैं। प्री नर्सरी में कुल 22 बच्चे हैं जिनके लिए स्कूल प्रबंधन कमेटी द्वारा अपने स्तर पर एक और शिक्षक रखा गया है। इसका वेतन भी बच्चों के अभिभावकों द्वारा ही दिया जाता है। स्कूल के भवन को जून, 2023 में असुरक्षित घोषित कर प्रशासन द्वारा इसको मार्च, 2024 में तोड़ दिया गया था। लम्बे समय से स्कूल भवन निर्माण न होने के चलते अभिभावकों में काफी रोष उत्पन्न है। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल की कक्षाएं सड़क किनारे ली दुकान व सामुदायिक भवन में चलाई जा रही हैं।
इसके चलते बच्चों के साथ कोई भी अनहोनी होने का खतरा हर समय बना रहता है। भारतीय जन समस्या निवारण मंच के अध्यक्ष पवन समैला ने बताया, स्कूल के भवन निर्माण बारे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी को सहायक आयुक्त परवाणू के माध्यम से जल्द ज्ञापन भेजेंगे ताकि जल्द भवन निर्माण का कार्य शुरू हो सके। कोट बेजा के उपप्रधान सुनील दत्त ने बताया कि पंचायत द्वारा सामुदायिक भवन बच्चों को पढ़ाई के लिए दिया गया है और जितनी मदद हमसे हो सकती है उतनी कर रहे हैं।
मुख्य शिक्षिका पूनम बाला ने बताया कि पट्टा खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला योजना अधिकारी को स्कूल भवन बनाने की मांग भेजी गई है। शिव कुमार शर्मा, उपनिदेशक (प्रारंभिक), शिक्षा सोलन ने बताया कि 3 कमरों के निर्माण का लगभग 40 लाख का एस्टीमेट बना कर निदेशक शिक्षा विभाग को भेजा जा रहा है। बजट पास होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया जाएगा।