ग्रामीण बैंक के अंशकालीन कर्मचारियों ने बोला हल्ला, आंदोलन की दी चेतावनी

Saturday, Jul 14, 2018 - 09:56 PM (IST)

मंडी: हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारी संगठन ने बैंक प्रबंधन से नाबार्ड के द्वारा न्यूनतम वेज एक्ट लागू करने को आवाज बुलंद की है। नाबार्ड द्वारा अपने सर्कलुर में 23 जून 2015 को आर्डर दिया था, जिसमें सभी आर.आर.बी. में इसे लागू करने के लिए वर्ष 2016 निर्धारित किया गया था लेकिन हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक अभी तक इसे लागू नहीं कर पाया है। अंशकालीन कर्मचारियों ने बैंक प्रबंधन को चेताते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द गौर कर पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और हक के लिए माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाने से गुरेज नहीं करेंगे। बैंक प्रबंधन की अनदेखी के चलते प्रदेशभर के बैंक में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों ने मंडी में प्रदर्शन किया और मांग उठाई कि मिनिमम वेज एक्ट को जल्द लागू किया जाए।


श्रम कानून का उल्लंघन कर लिया जा रहा काम
इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष शुभम ठाकुर ने कहा कि बैंक प्रबंधन द्वारा श्रम कानून का उल्लंघन कर कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। इसके बदले में बीते 20 से 25 वर्षों से अंशकालीन कर्मचारियों को मात्र 25 हजार व 3 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है जोकि इस महंगाई में ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि यही नहीं बैंक प्रबंधन द्वारा किसी भी अंशकालीन कर्मचारी की हाजिरी तक नहीं लगाई जाती है।


अन्य कर्मचारियों की तरह दी जाएं सभी सुविधाएं
बैंक प्रबंधन द्वारा अंशकालीन कर्मचारियों से सफाई के अलावा चाय, पानी लाना, बर्तन साफ करना, क्लर्क का कार्य करवाना व फील्ड में रिकवरी सहित जागरूकता शिविर का कार्य भी करवाया जा रहा है और बदले में कोई अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि उक्त कार्य को करने के लिए बैंक के अन्य कर्मचारियों की भांति अंशकालीन कर्मचारियों को भी सभी स्थायी वेतन, भत्ते व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इसके अलावा उन्होंने बैंक में रिक्त चल रहे संदेश वाहकों के पदों को भरने की भी मांग उठाई है।

Vijay