परमीश वर्मा गोलीकांड: गैंगस्टर दिलप्रीत की गिरफ्तारी के बाद अब BBN क्षेत्र से हो सकती हैं गिरफ्तारियां

Tuesday, Jul 10, 2018 - 10:48 AM (IST)

मानपुरा (बस्सी): गैंगस्टर दिलप्रीत की पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से हिमाचल-हरियाणा सीमा पर सटे क्षेत्र बी.बी.एन. के लोगों ने भी राहत की सांस ली है। पंजाब के प्रसिद्ध गायक परमीश वर्मा गोलीकांड मामले में पंजाब पुलिस ने बी.बी.एन. क्षेत्र के एक युवा को गिरफ्तार किया है जबकि शक के आधार पर कुछ युवाओं को हिरासत में लिया था। इसके अलावा पंजाब पुलिस के जवान पिछले काफी अरसे से बी.बी.एन. क्षेत्र की खाक छान रहे थे व बेकसूर लोगों को तंग कर रहे थे। यही नहीं झाड़माजरी के एक निजी अस्पताल में गैंगस्टर दिलप्रीत की तलाश में आए एक पुलिस कर्मी ने गोली चला दी थी जिसमें 2 युवा बुरी तरह से घायल हो गए थे। 


इसके अलावा पंजाब पुलिस के जवान बिना हिमाचल पुलिस की इजाजत के कभी भी हिमाचल में घुस जाते थे व वाहन चालकों की तलाशी लेना शुरू कर देते थे जिसके चलते एस.पी. बद्दी ने उन्हें बद्दी थाना में तलब किया था। अब भविष्य में बिना हिमाचल पुलिस की इजाजत के क्षेत्र में न घुसने की हिदायत भी दी थी। पुलिस को दिलप्रीत के बद्दी व इसके आसपास के क्षेत्र में छिपे होने की भनक मिल रही थी व उनके मोबाइल की लोकेशन भी इसी क्षेत्र की आ रही थी। जिसके चलते पंजाब पुलिस के लगभग 2 दर्जन जवान सादी वर्दी में यहीं घूमते रहते थे लेकिन आज उसकी गिरफ्तारी से जहां पंजाब पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं बी.बी.एन. क्षेत्र के लोगों ने भी राहत महसूस की है। 


अब हो सकती हैं गिरफ्तारियां
पंजाब पुलिस द्वारा गैंगस्टर दिलप्रीत की गिरफ्तारी के बाद बी.बी.एन. क्षेत्र से भी कुछ लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं। दिलप्रीत के नाम पर बी.बी.एन. क्षेत्र के उद्योगों से हर माह लाखों रुपए की उगाही हो रही थी जिसका खुलासा मानपुरा के एक उद्योगपति ने भी किया था व दिलप्रीत गैंग को 5 लाख रुपए फिरौती के तौर पर दिए थे। बी.बी.एन. के कुछ लोग गैंगस्टर दिलप्रीत को ऐसे लोगों के बारे में सूचना देते थे जिन्हें धमकाने पर आसानी से पैसा उगाही किया जा सकता था। ये लोग दिलप्रीत को सूचना देते थे व फिर धमकियों का सिलसिला शुरू हो जाता था। परमीश गोलीकांड के बाद तो दिलप्रीत का डर लोगों में इतना था कि उसे आसानी से पैसा मिल जाता था व बी.बी.एन. क्षेत्र से उद्योगपतियों व आम लोगों से हर माह लाखों की उगाही होती थी। 

Ekta