पारस अग्रवाल ने HAS की परीक्षा में  किया टॉप, मैरिट में 6 लड़कियां भी शामिल

Saturday, Mar 24, 2018 - 12:18 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा (एच.ए.एस.) 2016 का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने साक्षात्कार/पर्सनैलिटी टैस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को एच.ए.एस. का परिणाम घोषित किया। आयोग ने साक्षात्कार/पर्सनैलिटी टैस्ट बीते 15 से 17 मार्च और 19 से 22 मार्च तक आयोजित किए गए। साक्षात्कार/पर्सनैलिटी टैस्ट के लिए 70 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए थे। इनमें से 27 उम्मीदवारों ने एच.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसमें 6 लड़कियां भी शामिल हैं। मैरिट सूची में धर्मशाला से पारस अग्रवाल ने पहला स्थान हासिल किया है जबकि सोलन के मेजर (डा.) शशांक गुप्ता ने दूसरा, जिला सोलन के नालागढ़ के सोमिल गौतम ने तीसरा स्थान हासिल किया है। इसके अलावा अरविंद सिंह चौहान ने चौथा, विशाल वर्मा ने 5वां, वसुधा सूद ने 6वां, गीतांजलि ठाकुर ने 7वां, सिद्धार्थ शर्मा ने 8वां, अंकित शर्मा ने 9वां व सुरभि नेगी ने 10वां स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव संजीव पठानिया ने कहा कि एच.ए.एस. 2016 का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है और मैरिट सूची रोल नंबर, उम्मीदवार व सेवा पद का ब्यौरा वैबसाइट पर उपलब्ध करवा दिया गया है।

पारस को पांचवीं बार मिली सफलता
एच.ए.एस. की परीक्षा में मैरिट सूची मेें प्रथम स्थान पर रहे पारस अग्रवाल अपनी उपलब्धि को लेकर बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2012 से वे एच.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। हालांकि इस बीच उन्होंने वर्ष 2014 में एलाईस सर्विसिज की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद भी उन्होंने एच.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी जारी रखी और अब उन्होंने यह सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि वे वर्तमान में धर्मशाला में डिपार्टमैंट ऑफ कार्पोरेटिव्स में असिस्टैंट रजिस्ट्रार पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि दिन भर कार्यालय की व्यस्तता के कारण वे एच.ए.एस. की तैयारी के लिए रात के समय 9 से 2 बजे तक करते थे। इस बार नए पैटर्न के चलते नए सिरे तैयारी करनी पड़ी थी और उनकी मेहनत रंग लाई। 

मेजर (डा.) शशांक गुप्ता ने पहली बार में उत्तीर्ण की परीक्षा
मेजर (डा.) शशांक गुप्ता ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा (एच.ए.एस.) की परीक्षा पहली बार में ही उत्तीर्ण करने में सफलता हासिल की है। सेना से बतौर मेजर सेवानिवृत्त हुए शशांक गुप्ता ने एच.ए.एस. की मैरिट सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है। वे सोलन के रहने वाले हैं लेकिन उनकी स्कूली शिक्षा पांवटा साहिब से हुई है। उन्होंने कहा कि वे एच.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण कर बहुत खुश हैं और अब उन्हें एच.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जनता की सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि वे एच.ए.एस. की तैयारी के लिए दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ते थे।

एच.ए.एस. की मैरिट सूची में आने खुश हैं सोमिल
जिला सोलन के नालागढ़ में स्थित पंजयारा गांव के रहने वाले सोमिल गौतम ने एच.ए.एस. की मैरिट सूची में तीसरा स्थान हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि को लेकर सोमिल बहुत खुश हैं और उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है। वर्तमान में चंडीगढ़ में एक निजी शिक्षण संस्थान में वे बतौर शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2012 से एच.ए.एस. की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और 5वीं बारी में उन्होंने यह सफलता मिली है। 

मेघना बनेंगी तहसीलदार
कांगड़ा जिला के बैजनाथ उपमंडल की मेघना गोस्वामी ने प्रदेश प्रशासनिक सेवा परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए क्षेत्र का नाम रोशन किया है। मेघना ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण करके बैजनाथ की पहली महिला प्रशासनिक अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है। सरकारी महाविद्यालय में गणित विषय के प्रोफैसर अशोक गोस्वामी व जे.एन.वी. पपरोला की प्रधानाचार्या सुषमा गोस्वामी की बेटी मेघना की प्रारंभिक से लेकर जमा 2 तक की शिक्षा जे.एन.वी. हिमाचल में हुई है। वर्तमान में मेघना गोस्वामी गुडग़ांव के मानव रचना इंटरनैशनल स्कूल में बतौर अध्यापिका कार्य कर रही हैं। हिप्पा में प्रशिक्षण के बाद उन्हें प्रदेश में तहसीलदार के रूप में तैनाती मिलेगी। मेघना की इस उपलब्धि पर उनके परिजनों सहित भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष इंदु गोस्वामी व अन्य ने खुशी जाहिर की है।

बी.डी.ओ. का पदभार संभालते हुए वसुधा ने पास की परीक्षा
लगन और मेहनत हमेशा जिंदगी में सफलता लाती हैं, ऐसा ही एक उदाहरण 2015 में एच.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण कर बी.डी.ओ. का पदभार संभालते हुए पालमपुर के साथ लगते राजपुर की वसुधा सूद ने एच.पी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वसुधा सूद ने 2015 में एच.ए.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण कर बी.डी.ओ. बनी थीं, ऐसे में वसुधा नौकरी से छुट्टी होने के उपरांत रात के समय पढ़ाई करती थीं। वसुधा के पिता रविंद्र कुमार सूद का कहना है कि वसुधा ने 12वीं की कक्षा डी.ए.वी. पालमपुर में उत्तीर्ण की है जबकि बी.डी.एस. आई.जी.एम.सी. शिमला में की है। एच.पी.एस. की शिक्षा उत्तीर्ण कर वसुधा ने पालमपुर का नाम ऊंचा किया है।

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