38 दिन तक ईवीएम पर 24 घंटे पैरामिलिट्री की पैनी नजर

Friday, Nov 10, 2017 - 05:34 PM (IST)

शिमला: हिमाचल में 13वीं विधानसभा चुनाव वीरवार को संपन्न हो गए हैं। चुनाव के बाद अब हिमाचल 337 प्रत्याशियों के भविष्य  ईवीएम  में कैद है। ईवीएम सभी जगहों पर स्ट्रांग रूम में कड़े पहरे में रखी हैं।  प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। अब अगले 38 दिनों तक यह ईवीएम मशीनें कड़ी सुरक्षा के बीच रहेंगी। ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के अलावा हिमाचल पुलिस के जवान भी तैनात किए हैं। जोकि 24 घंटे ईवीएम पर नजर रखेंगे। स्ट्रांग रूम में इवीएम सुरक्षा के तिहरे घेरे में रहेगी। रूम में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं और 18 दिसंबर तक 24 घंटे पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा।

संजौली कालेज में बनाया गया है स्ट्रांग रूम
शिमला में ईवीएम मशीनें संजौली सरकारी कालेज में स्ट्रांग रूम में रखी गई। स्ट्रांग रूम में डबल लॉक सिस्टम की व्यवस्था की गई। सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। दरवाजे के बाहर पुलिस की अलग-अलग तीन टुकडिय़ों के जवान 24 घंटे तैनात रहेंगे। यहां पैरा मिलिट्री फोर्स, और जिला पुलिस के अलग-अलग जवान कई शिफ्टों में तैनात रहेंगे। स्ट्रांग रूम में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। 

स्ट्रांग रूम में पैरामिलिट्री के जवान तैनात
शिमला जिला मुख्य निर्वाचन आयुक्त रोहन ठाकुर ने कहा कि ईवीएम को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा है।  सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पैरा मिलिट्री के जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा की आठ विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग अलग से स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं, जहाड्ड जवान 24 घंटे तैनात रहेंगे। 

कमेटी के माध्यम से हो आयुक्तों की तैनाती 
सोशल वेलफेयर काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह नेगी ने भारत निर्वाचन आयोग को और स्वतंत्रता देने को लेकर सवाल उठाये हैं। उन्होंने आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्तों की तैनाती एक कमेटी के माध्यम से हो और आयोग में रहकर उन पर सवाल उठने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज कि तर्ज पर हटाने की मांग की है। 

निष्पक्षता पर सवाल 
नेगी ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और जल्द ही वे सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर करने वाले हैं। उन्होंने शिमला में पत्रकार वार्ता में  कहा कि आज जिस तरह से निर्वाचन आयोग गतिविधियां चल रही हैं उससे इसकी निष्पक्षता पर सवाल कुछ रहे हैं। उनका कहना था कि एक तरफ तो लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की बात की जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव सात चरणों में करवाए जाते हैं । यही नहीं, हिमाचल और गुजरात की विधानसभा की टर्म एक साथ समाप्त हो रही है, लेकिन यहां चुनाव पहले करवाए जाते हैं और गुजरात में बाद। यही नहीं, पहाड़ी राज्य में जहां प्रजा को पैदल जाना पड़ता है, वहां कम समय मिलता है और जहां मैदानी इलाकों में आराम से प्रचार होता है, वहां ज्यादा समय मिल रहा है। 

तैनाती में पारदर्शिता लाई जाए
नेगी ने कहा कि इससे निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। इसके लिए जरूरी है कि आयोग में और सुधार कर लाए जायें और इसमें की जाने वाली तैनाती में और पारदर्शिता लाई जाए । उनका कहना था कि इस मामलों को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है और जल्द ही वे सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल भी दाखिल करने वाले हैं। उन्होंने नोटा को प्रभावी बनाने और आय के स्रोत को पारदर्शी बनाने की भी मांग की है।