सरकार की नाकामियों व कुप्रबंधन का हिसाब करेगा पंचायती राज चुनाव : राणा

Saturday, Jan 02, 2021 - 05:10 PM (IST)

हमीरपुर : राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश प्रभारी एवं सुजानपुर कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि बेशक पंचायती राज व शहरी निकायों का चुनाव स्थानीय मुद्दों व उम्मीदवारों की परफॉरमेंस के आधार पर लड़ा जाता है लेकिन इस बार का चुनाव प्रदेश बीजेपी सरकार की तीन साल की कारगुजारी का रिपोर्ट कार्ड भी तय करेगा। तीन साल के सत्ताकाल में लगातार सरकार द्वारा दिए गए दंश के कारण हताशा व निराशा में फंसी जनता इस बार सरकार से जवाब व हिसाब लेगी। पंचायती चुनावों को लेकर सरकार की कारगुजारी के प्रति जबरदस्त आक्रोश इस बार चुनावी जमीन पर देखा जा रहा है जिसका खामियाजा सरकार के साथ बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को भी भुगतना पड़ सकता है। 

उन्होंने कहा कि जनता सरकार के कुशासन व कुप्रबंधन से तंग आ चुकी है। इन्हीं पंचायती राज चुनावों में बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से जूझ रही जनता सरकार को सीधा व स्पष्ट संदेश देना चाह रही है। पंचायती राज चुनावों में प्रदेश की जनता तय करे कि क्या वह बीजेपी की तीन साल की कारगुजारी से संतुष्ट है या नहीं। प्रदेश में रुके हुए विकास की जवाबदेही व जिम्मेदारी किसकी है, यह भी जनता तय करे? प्रदेश में रुके विकास, बढ़ती बेरोजगारी, बदहाल सड़कें, खराब स्वास्थ्य सुविधाओं व पूरी तरह से रुके ग्रामीण विकास का जवाबदेह कौन है? यह भी पंचायती राज चुनावों में जनता को ही तय करना होगा। बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में से कितने वायदे सरकार ने पूरे किए हैं और अगर नहीं किए हैं तो इसकी जवाबदेही भी जनता को जयराम सरकार से लेनी होगी। 

उन्होंने कहा कि आज जनता में ही नहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी हताशा और निराशा का माहौल है। ऊपर से लेकर नीचे तक बीजेपी के कार्यकर्ता सरकार की कारगुजारी से असंतुष्ट व रुष्ट हैं। सरकार की लचर कारगुजारी व लचर व्यवस्था को लेकर भी जनता इन पंचायती चुनावों में सरकार से हिसाब लेगी। शायद यही कारण है कि बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों से जनता चुनावी मुकाबलों में सरकार की कारगुजारियों का हिसाब मांग रही है जोकि बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए भारी साबित हो रहा है। जनता इन पंचायती राज चुनावों में ही सरकार को सबक सिखाने का मन बना बैठी है। उन्होंने कहा कि वह भी पंचायती राज चुनावों को लेकर वह लगातार जनता के बीच हैं जहां सरकार की नाकामियों के प्रति जनता में आक्रोश साफ झलक रहा है। जिसका असर पंचायती राज चुनावों पर पड़ना स्वाभाविक है।
 

prashant sharma