अरे ये क्या! पंचायत ने चौकीदार के नाम पर निकाले 2.47 लाख

Sunday, May 07, 2017 - 01:42 AM (IST)

बिलासपुर: झंडूता उपमंडल के तहत पिछड़ा क्षेत्र कोटधार में आने वाली जेजवीं पंचायत में नियमों को ताक पर रखकर लाखों रुपए की पेमैंट पंचायत चौकीदार के नाम पर निकालने का मामला उजागर हुआ है। जानकारी के अनुसार इस पंचायत द्वारा पंचायत चौकीदार के नाम पर अलग-अलग चैक काटे गए। पंचायत चौकीदार ने इन चैकों को अपने जेजवीं स्थित एच.पी. स्टेट को-आप्रेटिव बैंक के खाता संख्या 126010103587 में जमा करवाया। इसके बाद राशि को खाते से निकाल कर पंचायत सचिव को दिया जबकि नियमानुसार पंचायत का सचिव या फिर कोई भी अन्य पदाधिकारी अपने नाम पर किसी भी पेमैंट को नहीं निकाल सकता है। जानकारी के अनुसार पंचायत द्वारा करीब 2,47,600 रुपए की राशि पंचायत चौकीदार के नाम पर निकाली गई है। 

विभाग भी इस घोटाले को पकडऩे में रहा नाकाम 
इतना ही नहीं, पंचायत द्वारा विकास कार्यों के लिए खरीदे जाने वाले मैटीरियल की पेमैंट भी पंचायत द्वारा संबंधित फर्म या फिर दुकानदार को सीधे उसके खाते में डालने का प्रावधान है लेकिन इसके बावजूद भी पंचायत सचिव द्वारा इस राशि को पंचायत चौकीदार के खाते में चैकों के माध्यम से डाल कर बाद में निकाला गया। यह पेमैंट जनवरी व फरवरी, 2016 में निकाली गई है। 31 मार्च को फाइनांशियल ईयर समाप्त हो गया लेकिन इसके बाद भी पंचायत द्वारा नियमों को ताक पर रखकर निकाली गई इस धनराशि को पकडऩे में विभाग नाकाम रहा है। नियमों को ताक पर रख निकाली गई इस धनराशि में कथित घोटाला होने की संभावना जताई जा रही है।

प्रशासन से की जांच की मांग 
इस मामले को उजागर करने वाले जेजवीं पंचायत के छंजोली गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सोहन सिंह राणा ने जिला प्रशासन से सारे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने का आग्रह किया है ताकि सच्चाई जगजाहिर हो सके। बताया जा रहा है कि पंचायत ने इस पैसे को एक ट्रैक्टर वाले को उसके द्वारा लाए गए सामान की एवज में दिया है। पंचायत का तर्क है कि संबंधित ट्रैक्टर मालिक के पास बैंक का अकाऊंट नहीं है जबकि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत पूरे देश में जीरो बैलैंस पर कई खाते खोले गए हैं, जिससे पंचायत में वित्तीय अनियमितताएं होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

क्या कहते हैं पंचायत के नुमाइंदे
पंचायत चौकीदार शेर सिंह ने बताया कि पंचायत सचिव उसे चैक काटकर देते थे, जिन्हें वह अपने खाते में लगाता था तथा बाद में चैक की राशि निकाल उन्हें दे देता था। वहीं पंचायत सचिव कर्ण दयाल का कहना है कि पंचायत ने 1,40,000 रुपए की पेमैंट ट्रैक्टर वाले को करनी थी तथा उसके पास बैंक अकाऊंट नहीं था, जिस कारण उसे पंचायत चौकीदार के माध्यम से पेमैंट की गई है। इस बारे पंचायत प्रधान रीना का कहना है कि पंचायत सचिव ही सही जानकारी दे सकते हैं कि कितना पैसा पंचायत चौकीदार के नाम पर निकाला गया है।

मामले की जांच कर नियमानुसार होगी कार्रवाई 
ग्रामीण विकास अभिकरण बिलासपुर के परियोजना अधिकारी एवं उपनिदेशक सुभाष गौतम
ने बताया कि पंचायत किसी भी व्यक्ति के नाम पर पैसा नहीं निकाल सकती। पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाने का प्रावधान है। पंचायत सदस्य या प्रधान या उपप्रधान के किसी रिश्तेदार से भी पंचायत कोई भी सामान नहीं ले सकती है। मामला ध्यान में आ गया है तथा इसकी जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।