पंचायत का अनोखा कारनामा : बाइक से पहुंची बजरी, किराया 22 हजार

punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 04:10 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : आपने हिमाचल प्रदेश में स्कूटर पर सेब ढोने का बहुचर्चित मामला तो सुना ही होगा। लेकिन जिला ऊना में ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने है, जहां पर सेब नहीं, बल्कि दर्जनों ट्रालियों की बजरी दोपहिया वाहन पर ही ढो दी गई। जिला ऊना के हरोली उपमंडल के अप्पर बढेड़ा पंचायत में करवाए गए विकास कार्यों के लिए लाई गई बजरी किसी ट्रैक्टर, ट्रक या टिप्पर में नहीं, बल्कि बाईक पर पहुंचाई गई है। इसका खुलासा गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा ली गई आरटीआई में मिली जानकारी के बाद हुआ है। आरटीआई की जानकारी में मात्र तीन किलोमीटर से आने वाले वाहन का किराया भी 13 सौ रुपये से लेकर 22 हजार रुपये दर्शाया गया है। ग्रामीण ने इसके अलावा भी कई अनियमिताओं का खुलासा किया है। ग्रामीण ने इन अनियमिताओं को लेकर न केवल सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी है, बल्कि विजिलेंस के पास भी मामले की शिकायत देने के लिए कागजात जुटाने शुरू कर दिए हैं। 

जिला ऊना की ग्राम पंचायत अप्पर बढेड़ा निवासी अमन शर्मा ने आरटीआई के तहत पंचायत द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों से संबंधित जानकारी आरटीआई के माध्यम से हासिल की है। जिसमें काफी अहम खुलासे हुए। उनका का आरोप है कि क्रैशर से निर्माण सामग्री लेकर चंद किलोमीटर से आने वाले वाहन का किराया ही हजारों में डाला गया है। उन्होंने बताया कि हरोली से बढेड़ा तक बजरी के लिए जो बिल लगाए गए हैं। इन सभी बिलों में एक ही वाहन द्वारा अलग-अलग किराए लिए गए हैं। हैरानी इस बात की है कि यह वाहन कोई ट्रैक्टर, ट्रक या टिप्पर नहीं, बल्कि एक दोपहिया वाहन के नाम से पंजाब में पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि बिलों में बजरी के भी अलग-अलग रेट दर्शाए गए हैं, जिनमें कहीं 250, तो कहीं 300 रुपये हैं। वहीं सीमेंट ढुलाई के लिए प्रयोग के लिए लाई गई गाड़ी का नंबर बिलों में अंकित ही नहीं है। इसके अलावा भी अमन ने पंचायत पर अनियमिताओं के कई गंभीर आरोप जड़े हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि 14वें वित्तयोग के तहत एक पक्के रोड़ को पुनः एंबुलेंस रोड़ के नाम पर पक्का कर दिया गया। वहीं अमन ने पेवर्ज टेंडर में भी बड़ी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जितने भी वाहनों पेवर पहुंचाया गया है, किसी भी बिल पर वाहन का नंबर नहीं दिखाया गया। अमन की मानें तो शमशान घाट में बनाई गई चार दिवारी में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। उनका आरोप है कि मनरेगा के कार्य में भी बड़े स्तर पर धांधली हुई है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जो चाय की दुकान करता है वो चाय का बिल भी दे रहा है और मनरेगा में दिहाड़ी की राशि भी ले रहा है वहीं एक ही व्यक्ति के अलग-अलग मैस्ट्रोल में अलग-अलग तरह के हस्ताक्षर किए गए हैं। कहीं हिंदी में, कहीं इंगलिंश में, तो एक स्थान पर अंगूठा लगाया गया है। ऐसा कैसा संभव हो सकता है कि व्यक्ति अलग-अलग तरह के हस्ताक्षर करें। अमन ने इस पूरे मामले की शिकायत जहां सीएम हेल्पलाइन पर कर दी है। वहीं विजिलेंस को भी शिकायत सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। 

ग्राम पंचायत प्रधान बीरू राम ने कहा कि सारा मामला राजनीतिक तौर पर प्रेरित है। पंचायत कार्यो में किसी भी तरह की कोई अनियमतता नहीं हुई है। सरकारी मापदंडों के अनुसार ही कार्य करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने आरोप लगाए, उनकी एक गली का निर्माण नहीं हुआ है, जिस कारण ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

prashant sharma

Recommended News

Related News