कोरोना कर्फ्यू में आदेशों की अवहेलना पर पंचायत प्रधान निलंबित

punjabkesari.in Thursday, May 20, 2021 - 06:32 PM (IST)

नालागढ़ (सतविन्द्र) : डीसी सोलन केसी चमन ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान सरकारी आदेशों की अवहेलना करने एवं अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने के दृष्टिगत ग्राम पंचायत मस्तानपुरा के प्रधान छोटू राम को पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस संबंध में जारी आदेशों के अनुसार एसडीएम नालागढ़ से उक्त पंचायत प्रधान के विरुद्ध कोरोना कर्फ्यू के दौरान सरकारी आदेशों की अवहेलना करने के संबंध में जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार पंचायत के नंबरदार दाता राम द्वारा कोरोना कर्फ्यू की अवहेलना करते हुए 13 मई को नगर खेड़ा मंदिर मस्तानपुरा में भंडारे का आयोजन किया गया था। इस भंडारे में प्रधान छोटू राम सहित लगभग 50-60 व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के आयोजन के उपरांत कोविड-19 एवं डायरिया के कई मामले पाए गए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि पंचायत प्रधान ने अपने अधिकार क्षेत्र में एवं अपनी उपस्थिति में इस कार्यक्रम के आयोजन में सरकार द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए जारी आदेशों, महामारी एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जिला प्रशासन द्वारा 23 अप्रैल तथा 6 मई को जारी आदेशों की अवहेलना की है। 

एसडीएम नालागढ़ के आदेश से खंड विकास अधिकारी नालागढ़ द्वारा पंचायत प्रधान को सुनवाई का पूर्ण अवसर प्रदान करते हुए अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। 19 मई को पंचायत प्रधान से प्राप्त स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं पाया गया, क्योंकि उन्होंने स्पष्टीकरण में उपरोक्त कार्यक्रम के आयोजन के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की, जबकि एसडीएम की रिपोर्ट और स्थानीय निवासी धर्म चंद पुत्र दाता राम नंबरदार के लिखित बयान में ग्राम पंचायत प्रधान के इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की पुष्टि हुई है। इससे स्पष्ट हुआ कि ग्राम पंचायत मस्तानपुरा के प्रधान द्वारा अपने कत्र्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरती गई है, क्योंकि जिला में समस्त पंचायत प्रधानों एवं प्रतिनिधियों को समय≤ पर सरकार के दिशा-निर्देशानुसार कार्य करने के आदेश दिए गए हैं तथा सभी ग्राम पंचायत प्रधान एवं अन्य सदस्य इसकी अनुपालना के लिए बाध्य हैं। एसडीएम की 20 मई की रिपोर्ट के अनुसार 45 व्यक्ति भंडारे में सम्मिलित हुए थे। इनमें से 3 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि इस भंडारे के कारण गांवों में संक्रमण फैला और गांव को कंटेनमैंट जोन घोषित करना पड़ा।
 


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Content Writer

prashant sharma

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