पंचायत प्रधान ने गौसदन से गायब किए पशु, ग्रामीणों ने घेरा पुलिस थाना-दर्ज करवाई FIR

Sunday, Jul 29, 2018 - 08:38 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): बरमाणा पंचायत प्रधान के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए बरमाना थाना में एक शिकायत दी, जिसमें प्रधान के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है। बरमाना पंचायत के लघट गांव के लोगों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद पंचायत द्वारा करीब 3 वर्ष पहले लघट गांव में गौसदन बनाया गया है, जिसका आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है। इसकी वजह से बेसहारा पशु सड़क पर दर-दर की ठोकरें खा रहे थे।


रात के अंधेरे में गायब कर दिए पशु
इसके बाद स्थानीय लोगों ने करीब डेढ़ दर्जन गऊओं को गौसदन में बांध दिया और उनके लिए चारे व प्राथमिक उपचार का खर्च अपने स्तर पर करवा रहे थे तो इस दौरान पंचायत प्रधान ने उन्हें कहा कि जब तक गौसदन का उद्घाटन नहीं होता तब तक यहां पशुओं को नहीं रखा जाएगा। अगर कोई जबरदस्ती करता है तो पुलिस बुलाकर इन पशुओं को यहां से खदेड़ दिया जाएगा। इसके बाद 28 जुलाई की रात को प्रधान ने पशुओं को रात के अंधेरे में गौसदन से गायब कर दिया, जिसका पता स्थानीय लोगों को 29 जुलाई की सुबह चला। गायब पशुओं को स्थानीय लोगों ने हर जगह ढूंढा पर वे कहीं नहीं मिले।


बरमाणा थाना का घेराव कर दर्ज करवाई एफ.आई.आर.
प्रधान की कार्यप्रणाली से गुस्साए लोगों ने रविवार को बरमाणा थाना का घेराव कर पंचायत प्रधान के खिलाफ पशुओं को गौसदन से गायब करने लेकर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है। इन लोगों की मांग है कि प्रधान से गायब हुए पशुओं को बरामद किया जाए और उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। लोगों का कहना है कि गौसदन बेसहारा पशुओं के लिए है, जिसमें किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए । बल्कि पंचायत प्रधान को समस्त गांववासियों के सहयोग से इस गौशाला को चलाना चाहिए था।


न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए होंगे मजबूर
वहीं बरमाणा थाना में प्रधान के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत करने के दौरान मौजूद मानव सेवा संस्थान कोटखाई के जिला अध्यक्ष आमरजीत ने कहा कि गौसदन 3 वर्ष से पूरी तरह तैयार है परन्तु फिर भी बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हंै जोकि आए दिन दुर्घटना का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा असहाय पशुओं के साथ कि जा रही इस तरह की क्रूरता को लेकर प्रदेश सरकार एवं प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बेसहारा पशुओं को इस गौसदन में सहारा न मिला तो वह इस पशु क्रूरता के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगे।


क्या बोलीं पंचायत प्रधान
जब इस संदर्भ में पंचायत प्रधान मंजू मनहास से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि गौशाला में अभी कर्मचारियों को रखने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए अभी गौशाला के साथ कर्मचारियों के रहने के लिए कमरे का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए हाल ही में ए.सी.सी. एवं जिला प्रशासन से भी बात की है। बिना प्रशासन की इजाजत के स्थानीय लोगों ने पशुओं को गौशाला में रखा था। वह जल्दी ही पशुओं को रखने की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि पशुओं की देखभाल में रखे जाने वाले कर्मचारियों को वेतन की व्यवस्था भी तो होनी चाहिए। वहीं बरमाणा थाना प्रभारी सुभाष ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा प्रधान के खिलाफ की गई शिकायत को दर्ज कर लिया गया है।

Vijay