आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस से होगी वन उपज तथा औषधीय पौधों की मैपिंग

Saturday, Apr 13, 2024 - 11:05 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस के माध्यम से अब प्रदेश के वन क्षेत्र में पाए जाने वाली जैव विविधता को खंगाला जाएगा। वन विभाग इसका सूत्रधार बनेगा। वन विभाग के पास अब तक प्रमुख रूप से विभिन्न वृक्ष प्रजातियों का डाटा उपलब्ध रहता है परंतु अब लघु वन उपज तथा औषधीय पौधों की मैपिंग का कार्य किया जाएगा। इसका उद्देश्य वन क्षेत्र में पाए जाने वाली महत्वपूर्ण जैव संपदा के आंकड़ों को एकत्रित करना है। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले वनों में अनेक प्रकार के लघु वन उपज तथा औषधीय पौधे पाए जाते हैं परंतु इनका अभी तक सटीक डाटा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अब इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस तथा मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए इस कार्य को सिरे चढ़ाया जाएगा। इसके लिए मोबाइल आधारित एप्लीकेशन तैयार की गई है। प्रथम चरण में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से डाटा एकत्रित किया जाएगा, जबकि इसके पश्चात ड्रोन की सहायता लिए जाने की प्रस्तावना है।

किस तरह से होगा कार्य
वन विभाग के फोरैस्ट गार्ड प्रथम चरण में एन-सॉफ्टवेयर के माध्यम से पौधों का चित्र लेंगे। इसमें पौधों के पत्ते, उसकी छाल तथा समूचे वृक्ष का चित्र लोकेशन सहित लिया जाएगा, ताकि उसके रिकॉर्ड को संजोकर रखा जाए। ए.सी.एफ. ओम प्रकाश चंदेल ने बताया कि इंडियन स्कूल ऑफ बिजनैस हैदराबाद के सहयोग से इस संबंध में प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के वनों में पाए जाने वाले विभिन्न लघु वन उपज तथा औषधीय पौधों की मैपिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लघु वन उपज तथा औषधीय पौधों की मात्रा का अनुमान लगाना है, ताकि इनका संरक्षण व संवर्द्धन किया जा सके।

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Kuldeep