अरबों की संपत्ति के मालिक हैं कुल्लू के देवी-देवता

Saturday, Sep 30, 2017 - 09:37 PM (IST)

कुल्लू: कुल्लू के देवी-देवता अरबों रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। देवी-देवताओं के पास दौलत का इतना बड़ा खजाना है कि जिसे वर्षों तक खर्च करने के बावजूद भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कई देवी-देवताओं के रथों में करोड़ों रुपए के आभूषण व मोहरे लगे हुए हैं। देवी-देवताओं के खजाने के साथ ईमानदारी की मिसाल के तौर पर भी यहां कई पहलू हैं। हालांकि देवी-देवताओं के कारकून देवी-देवताओं के पास मौजूद खजाने का खुलासा करने से हिचकिचाते हैं लेकिन देव रथों पर मौजूद सोने-चांदी से इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जाता है। कई देवी-देवताओं की संपत्ति में हर साल इजाफा भी हो रहा है। इस इजाफे के पीछे देवी-देवताओं को मिलने वाला चढ़ावा भी मुख्य कारण है। देवालय चोरों के निशाने पर होने के कारण भी देव कारकूनों को प्रशासन ने संपत्ति का जिक्र न करने की हिदायत दे रखी है लेकिन फिर भी देवी-देवताओं की संपत्ति किसी से छुपी नहीं है। 

वर्ष 2014 में चुरा लिए थे अधिष्ठाता रघुनाथ जी
चोरों ने दिसम्बर, 2014 में अधिष्ठाता रघुनाथ जी को भी निशाना बना दिया था। रघुनाथ जी को भी चुरा कर चोर निकल गए थे। हालांकि वारदात के डेढ़ माह बाद रघुनाथ जी को ढूंढा जा सका। रघुनाथ जी की त्रेतायुग कालीन मूर्ति की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपए है। वारदात के बाद सख्ती बढ़ जाने के कारण चोर इस बेशकीमती मूर्ति को बेच नहीं सके। जिला कुल्लू के देवी-देवताओं में सबसे अमीर देवताओं में देव खुड्डीजल शामिल हैं। वर्ष 2006 में देवता के पास करीब 5 करोड़ रुपए का सोना-चांदी था। इसके अलावा देवता के पास जमीन भी काफी है। 

ये देवता भी बड़ी संपत्ति के स्वामी
देवता आदि ब्रह्मा, बिजली महादेव, देवी पटंती व देवता शंगचूल महादेव सहित अन्य कई देवी-देवता भी बड़ी संपत्ति के स्वामी हैं। उत्सव में आए कई देवी-देवताओं की आगल (देव रथ को कंधे पर उठाने के लिए लगी लंबी मोटी स्टिक्स) भी चांदी की हैं। उनमें सोना भी लगा हुआ है। इसके अलावा कई देवी-देवताओं के मोहरे और छत्र भी सोने के हैं। उत्सव में शनिवार को 222 देवी-देवता पहुंच गए हैं। जिला प्रशासन के रिकार्ड के अनुसार उत्सव में पहुंचे देवताओं की यह संख्या है। 2 दर्जन से ज्यादा देवी-देवता ऐसे हैं, जो निमंत्रण पत्र के बिना आए हुए हैं। 

जितना हाथ में आया उसी से चलता है काम
मलाणा में देवता जमलू के खजाने में इतनी दौलत है कि जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। देवता के किसी कारज को निपटाने के लिए यदि धन की आवश्यकता हो तो मुख्य कारकून देव आदेश पर जाकर खजाने से इतना धन लाते हैं, जितना एक मुट्ठी में आए। इसमें सोना, चांदी या अन्य कुछ भी कीमती चीज हो सकती है। उसी से देवता के कारज को निपटाया जाता है।