यहां नहीं रुक रहा ओवरलोडिंग का खेल, कैसे होगा हादसों पर कंट्रोल

Thursday, Jul 04, 2019 - 04:21 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल प्रदेश में इतने सड़क हादसे हो रहे हैं लेकिन फिर भी बस चालक ओवरलोडिंग से परहेज नहीं कर रहे हैं। वे तो बस लोगों की जिंदगी से खेलकर पैसा कमाने में लगे हैं। जिला बिलासपुर में भी ओवरलोडिंग की जो तस्वीर सामने आई है, उससे एक बार फिर किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका नजर आ रही है। हाल ही में कुल्लू और शिमला में हुए बस हादसों से जहां प्रदेशभर में गम का माहौल है तो वहीं इन हादसों के बाद बसों में ओवरलोडिंग को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन शिकंजा कसने की बात कह रहा है। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन द्वारा ओवरलोडिड बसों का चालान काटने से क्या ओवरलोडिंग खत्म हो जाएगी।

निजी बसों में अभी भी ओवरलोडिंग जारी

बात करें बिलासपुर की तो यहां की निजी बसों में अभी भी ओवरलोडिंग जारी है। भले ही चालान के डर से कुछ ओवरलोडिंग कम हुई हो लेकिन शहरी व ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से ओवरलोडिंग की जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले यात्रियों को मुआवजा देने की बजाय प्रदेश सरकार को ओवरलोडिंग पर ठोस रणनीति बनानी चाहिए ताकि ऐसे हादसों पर रोक लग सके। वहीं स्कूली छात्रा अवंशिका का कहना है कि ओवरलोडिंग क चलते उसे बस से स्कूल जाने में डर लगता है कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए, इसलिए उसके माता-पिता उसे पैदल ही स्कूल छोड़ने जाते हैं।

क्या कहते हैं डी.एस.पी. बिलासपुर

वहीं ओवरलोडिंग को लेकर बिलासपुर डी.एस.पी. संजय शर्मा का कहना है कि बसों में ओवरलोडिंग को लेकर पुलिस प्रशासन सख्त है और जगह-जगह चैकिंग अभियान के जरिए ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसा जा रहा है।

Vijay