आऊटसोर्स कर्मचारियों की सरकार को धमकी, कहा-स्थायी नीति बनाओ वरना उग्र होगा आंदोलन

Wednesday, Jul 05, 2017 - 02:05 AM (IST)

शिमला: आऊटसोर्स कर्मचारियों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान आऊटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों ने रोष जताते हुए कहा कि अगर सरकार ने आने वाले दिनों में कर्मचारियों के हित में कोई स्थायी नीति तैयार नहीं की तो सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। महासंघ के अध्यक्ष धीरज चौहान ने सरकार पर वायदाखिलाफी के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पहले तो कई सब्जबाग दिखाए और अब अपने वायदे से मुकर रही है। महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि मंगलवार को सभी जिला प्रधानों के साथ अगली रणनीति भी स्पष्ट हो गई है कि 5 जुलाई के बाद जिला कार्यकारिणी इस आंदोलन को जिला स्तर पर भी 72 घंटों तक शुरू करेगी। अब सरकार का रवैया ही यह तय करेगा की यह आंदोलन कब तक चलेगा।

मजबूरन तेज किया जाएगा आंदोलन 
संघ ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं तो मजबूरन यह आंदोलन तेज किया जाएगा। संघ ने इस बात पर भी कड़ी आपति जताई है कि कई विभागों में कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है कि यदि वे हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। शांतिपूर्ण प्रदर्शन हमारा संवैधानिक अधिकार है। इस बात को इन नौकरशाहों को समझना चाहिए, नहीं तो इनके खिलाफ भी महासंघ अलग से मोर्चा खोल देगा।

हमारी एक ही मुख्य मांग
महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि हमारी एक ही मुख्य मंाग है कि हमें भी वेतन सरकारी कर्मचारियों के मुकाबले दिया जाए और हमें अनुबंध की नीति के तहत लाया जाए। उन्होंने कहा कि धरने-प्रदर्शन के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों में आवश्यक संशोधन कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा किआऊटसोर्स कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे तथा आगामी कैबिनेट बैठक में कंपनी के शोषण से कर्मचारियों को मुक्त कर दिया जाएगा।