सरकार से नाराज आऊटसोर्स कर्मचारी इस दिन करेंगे विधानसभा का घेराव

Sunday, Aug 26, 2018 - 09:23 PM (IST)

शिमला (राक्टा): चुनावी वायदे के अनुरूप नीति बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाने पर आऊटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी महासंघ 30 अगस्त को प्रदेश विधानसभा का घेराव करेगा। रविवार को शिमला में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धीरज चौहान ने आरोप लगाया कि सरकार को बने 8 माह पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक हजारों आऊटसोर्स कर्मचारियों से किए गए वायदे को पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाए जाने का मामला कई मर्तबा सरकार के समक्ष उठाया जा चुका है लेकिन इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है।

राजनीतिक रोटियां सेंक रही है सरकार
पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार आऊटसोर्स कर्मचारियों के मामले में केवल राजनीतिक रोटियां सेंक रही है और अपने चुनावी वायदे को पूरा करने से पीछे हट गई है। महासंघ ने कहा है कि सरकार ने आश्वासन के रूप में केवल झुनझना थमाया है। ऐसे में महासंघ ने 30 अगस्त को विधानसभा घेराव और मुख्यमंत्री को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष धर्मेंद्र पंडित, मीडिया प्रभारी, नीतिश शर्मा, कोषाध्यक्ष चंद्र शर्मा, विनोद वर्मा, किरण, आशु पटियाल, प्रतिभा राठौर व पूनम सहित अन्य उपस्थित रहे।

पूर्व वीरभद्र सरकार भी कर चुकी कसरत
पूर्व वीरभद्र सरकार ने भी आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने के लिए कसरत की थी। इसके तहत विभागों को नए सिरे से आऊटसोर्स कर्मचारियों की विस्तृत सूची तैयार करने को कहा गया था ताकि उसके आधार पर वित्तीय आकलन किया जा सके लेकिन ये प्रयास सिरे नहीं चढ़े।

बिजली बोर्ड और शिक्षा विभाग में सबसे अधिक कर्मचारी
प्रदेश में विभिन्न विभागों में हजारों कर्मचारी आऊटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश के अंतर्गत बिजली बोर्ड और शिक्षा विभाग में आऊटसोर्स के आधार पर सबसे अधिक कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि सरकार इनके लिए नीति बनाने की दिशा में क्या कदम उठाती है।

Vijay