हमारी संस्कृति हमारी परंपराओं में निहित: डॉ. शांडिल
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 03:44 PM (IST)

सोलन। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि हिमाचल की विशिष्ट संस्कृति यहां की उच्च परम्पराओं में निहित है और परम्पराओं के निर्वहन के साथ-साथ संस्कृति का संरक्षण हम सभी का दायित्व है। डॉ. शांडिल आज यहां 20 से 22 जून, 2025 तक आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय माता शूलिनी मेला के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि सोलन की अधिष्ठात्री देवी माँ शूलिनी को समर्पित यह मेला सोलन के साथ-साथ पड़ोसी ज़िलों और देश विदेश में अपनी विश्ष्टिता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी परम्पराएं जन-जन को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने का संदेश देती हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि मां शूलिनी से सम्बन्धित विभिन्न परम्पराओं का पूर्ण निर्वहन हो।
उन्होंने कहा कि यह मेला सोलन शहर सहित विभिन्न स्थानों में उल्लास का प्रतीक है। उन्होंने सभी के आग्रह किया कि 20 से 22 जून, 2025 के मध्य आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के अवसर पर अपने-अपने घरों को दीपावली की तरह सजावटी लाईटों के साथ सजाएं। उन्होंने नगर निगम सोलन के सभी वार्डों में प्रकाश व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रतियोगिता करवाने का सुझाव भी दिया। डॉ. शांडिल ने कहा कि मेले के दौरान तहबाज़ारी के कारण अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि मेले में तहबाज़ारी के लिए आने वाले व्यापारियों का पंजीकरण किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह पंजीकरण मेले की आरम्भ तिथि से एक सप्ताह पहले किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शूलिनी मेला सम्भवतः एक मात्र ऐसा आयोजन है जिसमें तीन दिनों तक लगातार जगह-जगह भण्डारों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में माँ के दर्शन करने आने वाले एवं मेला देखने वाला कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहता। उन्होंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि इस अवधि में लगने वाले भण्डारों के लिए स्थान चिन्हित करें और भण्डारों में दिए जा रहे भोजन का नियमित निरीक्षण करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि केवल पंजीकृत व्यक्ति ही भण्डारों का आयोजन कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि सोलन शहर में सभी व्यवस्थाओं को यथावत बनाए रखते हुए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्य में संलग्न सफाई कर्मियों और स्वयं सेवियों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेला अवधि में यातायात सहित भीड़ नियंत्रण एवं अन्य कार्यों के लिए एन.सी.सी. और एन.एस.एस. के स्वयं सेवियों की सहायता ली जाएगी। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में पेयजल, विद्युत, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे। उन्होंने हिमाचल के कलाकारों को उचित समय प्रदान करने और कलाकार चयन को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मेले का उद्देश्य सभी के जीवन में उल्लास एवं आरोग्य को बढ़ाना है तथा जन-जन के सहयोग से मेले को पूर्ण रूप से सफल बनाया जाएगा। डॉ. शांडिल ने कहा कि मेला अवधि में शहर में पुलिस व्यवस्था को सुचारू रखा जाए ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मी स्थल पर त्वरित पहुंच सकें। उन्होंने आमजन की सुविधा के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर ई-शौचालय स्थापित करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त एवं माँ शूलिनी मेला समिति के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने मुख्यातिथि को मेला आयोजन के संबंध में की जा रही तैयारियों से अवगत करवाया। सहायक आयुक्त नरेन्द्र चौहान ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
इस अवसर पर नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा, पार्षदगण, जोगिन्द्रा बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के निदेशक जतिन साहनी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल ठाकुर, सुरेन्द्र सेठी, अंकुश सूद, नगर परिषद सोलन के पूर्व अध्यक्ष कुल राकेश पंत, अन्य पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन, गृह रक्षा समादेशक संतोष शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।