विपक्ष फिर नाखुश, वीरवार को भी किया वाॅकआउट

punjabkesari.in Thursday, Mar 05, 2020 - 06:37 PM (IST)

शिमला (योगराज शर्मा) : हिमाचल विधानसभा में चल रहे सत्र में कई बार हंगामा हो चुका है। बुधवार को विपक्ष के दो बार वाॅकआउट किए जाने के बाद सदन की कार्रवाई गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। गुरूवार को भी विपक्ष काफी नाखुश नजर आया। प्रश्नकाल के दौरान भी विपक्ष ने कई सवाल किए। वहीं गुरूवार को विपक्ष ने शहरी विकास मंत्री के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में बदलाव किए जाने की मांग को लेकर टालमटोल वाले रवैए और राजनीति किए जाने पर सदन से वाॅकआउट कर दिया। 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्राइवेट मेंबर डे के दिन टीसीपी एक्ट और हिमाचल प्रदेश में निर्माण कार्य को लेकर मौजूदा कायदे कानून पर कांग्रेस विधायक आशीष पटेल ने प्रस्ताव पर रखा। विपक्ष ने कहा कि आम लोगों की बात लेकिन विपक्ष के सुझाव को सुनने और उन पर अमल करने की जगह शहरी विकास मंत्री ने मामले को राजनीतिक मोड देने का प्रयास किया है। हिमाचल प्रदेश के लोग लंबे अरसे से पीसीपी कानूनों में बदलाव कर रियायत देने की मांग कर रहें हैं। लेकिन टीसीपी और निर्माण कार्यों को लेकर प्रदेश में नियम औऱ कानून समस्या बन हुए है।

सरकार इन प्रावधानों में बदलाव लाकर या कानून रिलैक्सेशन देकर  लाखों लोगों को राहत दे सकती है। पालमपुर के विधायक आशीष पटेल द्वारा प्राइवेट नंबर डे के मौके पर सदन नहीं हिमाचल प्रदेश में भवन निर्माण को लेकर अलग-अलग और पेचीदा कानूनों पर चर्चा के माध्यम से सरकार से विपक्ष ने आग्रह किया था कि कई तरह के नियम कायदे कानूनों को बदलकर इनको तर्कसंगत बनाया जाए और इसके चलते प्रदेश भर के लोगों को पेश आ रही परेशानियों से छुटकारा दिलाया जाए। 

आशीष पटेल ने सुझाव दिया कि सरकार हिमाचल प्रदेश के हरित आवरण को बचाए रखने और निर्माण कार्य के लिए भूमि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में वर्टिकल भवन निर्माण की नीति को लागू करें, जिससे कम जमीन वाला भी मकान बना सकेगा और प्रदेश के ग्रीन कवर को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। लेकिन विपक्ष के सुझाव को अनसुना कर जाने के आरोप लगाते हुए विपक्षी नेताओं ने सरकार खासकर शहरी विकास मंत्री प्रवीण चैधरी के रवैया और विपक्ष के सवालों के जवाब में किसी तथ्यात्मक दृष्टिकोण और सकारात्मक सकारात्मक जवाब देने की जगह इस विषय पर राजनीतिक वोट देने का आरोप लगाया।

विपक्ष ने कहा कि हम सब लोग हिमाचल प्रदेश के लोगों की समस्या को सदन में सुझाव के साथ सरकार के पास प्रस्तुत कर रहे थे, लेकिन सरकार ना ही समस्या सुनना चाहती है, ना ही विपक्ष के सवालों को सुनने का हौसला रखती है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी लोग हर विषय पर राजनीति करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष हिमाचल प्रदेश के लोगों की लंबे रास्ते से मांग और निर्माण कार्यों के लिए आड़े आ रहे दर्जनों कानूनों को आसान बनाए जाने की मांग कर रहा था। जिसे सरकार को धैर्य पूर्वक सुनना चाहिए था, लेकिन मंत्री ने इसे राजनीतिक विषय बनाते हुए मुद्दे को बदलने का प्रयास किया जिसे लेकर विपक्ष ने सदन के भीतर हंगामे बाजी की बाद में सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष का सुझाव था कि प्रदेश में होरिजेंटल तरीके से किए जा रहे निर्माण कार्य की जगह वर्टिकल तरीक़े से भवन निर्माण की इजाजत दी जाए। 

कांग्रेस नेता आशा कुमारी और सुखविंदर सुखु ने सरकार पर आरोप लागये कि सरकार जनहित के मुद्दे पर कभी भी सकारात्मक सोच के साथ किसी की बात सुनने को तैयार नही है। आशीष पटेल ने कहा कि उन्होंने सरकार के सामने जनता का मुद्दा रखा जिससे प्रदेश का लाखों लोग प्रभावित है। विपक्ष ने सरकार को सुझाव देने का प्रयास किया लेकिन सरकार जनता की सबसे बड़ी दिक्कत बन चुकी है इस पर किसी तरह की संजीदगी दिखाने तक को तैयार नही है, ऐसे में विपक्ष को विरोध में वाकआउट के अलावा नाराजगी दिखाने का कोई विकल्प नहीं है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

kirti

Recommended News