विधानसभा सत्र के अंतिम दिन इस बात पर बिफरा विपक्ष, सदन में नारेबाजी के बाद किया वॉकआऊट

Friday, Jan 06, 2023 - 06:30 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला) (सुरेन्द्र): विधानसभा सत्र के तीसरे और आखिरी दिन विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर हो रही परिचर्चा में कुछ मामलों को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए नारेबाजी के बीच सदन में विरोध जताया और वॉकआऊट कर दिया। हालांकि इसे सदन के रिकाॅर्ड पर नहीं लिया गया। इसे कार्रवाई से हटा दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष के इस विरोध को सदन की कार्रवाई का हिस्सा नहीं बनाया गया है। इससे पहले विपक्ष के सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण पर उनके कम सदस्यों को बोलने की बात कही और इसी बात को लेकर सदन से बाहर चले आए। सदन के बाहर उन्होंने नारेबाजी भी की। विपक्ष की तरफ से विधायक विपिन परमार ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि जब पहले सहमति बन चुकी थी तो उसके बाद सत्तापक्ष के कुछ और सदस्यों को बोलने का अवसर क्यों दिया गया। जब विधानसभा अध्यक्ष ने विशेषाधिकार की बात भी कही तो इस पर नाराजगी प्रकट करते हुए वे सदन से बाहर आ गए। 

विपिन परमार ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उठाया ये मामला
इससे पहले सुबह सदन में आते ही विपक्ष की तरफ से विपिन परमार ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत मामला उठाते हुए कहा कि सदन की श्रेष्ठ परंपराएं रही हैं और उसका निर्वहन किया जाना चाहिए लेकिन जब राज्यपाल अभिभाषण के लिए आए तो सूची में अध्यक्ष, सीएम के साथ नेता विपक्ष का नाम राज्यपाल को रिसीव करने के प्रोटोकॉल में नहीं था। इस मामले में विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया। यह परंपरा का उल्लंघन है। विपिन परमार ने इसके अतिरिक्त सदन के पहले दिन दर्शकदीर्घा में तालियां बजाए जाने, मोबाइल से रिकॉर्डिंग करने व उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने सहित उस पर आ रहे कमैंट्स का जिक्र भी किया। अधिकारी दीर्घा में कांग्रेस प्रभारी के बैठने का मामला भी उन्होंने उठाया। इस पर अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जो गाइडलाइंस भारत सरकार और राष्ट्रपति से आईं हैं तथा राज्यपाल से आए प्रोटोकॉल के तहत ही परम्पराओं का निर्वहन किया गया था। भविष्य में इस चीज पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और जो कानून व्यवस्था का मामला उठाया है उसे भी सुनिश्चित किया जाएगा। 

सदन से सड़क तक दफ्तर बंद करने के मुद्दे उठाएगी भाजपा
विपिन सिंह परमार ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सदन और सड़क पर उठाएगी। उन्होंने सरकार द्वारा सुंदरनगर के डैहर में 1952 में खुली 70 साल पुरानी पुलिस चौकी को बंद करने पर भी हैरानी जताई और अधिकारियों को सरकार को सही सूचनाएं देने की सलाह दी। विपिन परमार ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिनों के भीतर ओपीएस लागू करने, एक लाख रोजगार का प्रावधान करने और 18 साल से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने का वादा किया था। अब तक इन वायदों को पूरा नहीं किया गया।

सीएम व नेता प्रतिपक्ष की गैर-मौजूदगी में चला शीतकालीन सत्र 
तपोवन में शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की गैर-मौजूदगी में ही चला। सुक्खू दिल्ली गए हैं जबकि नेता प्रतिपक्ष के ससुर के निधन के चलते वह जयपुर चले गए। दोनों की गैर-मौजूदगी में सत्ता पक्ष की तरफ से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सत्तापक्ष की तरफ से तथा विपक्ष की तरफ से विपिन परमार ने मोर्चा संभाला। मुकेश अग्निहोत्री ने माल एवं वस्तुकर अधिनियम सहित दूसरे विधेयक कार्य प्रस्तुत किए और राज्यपाल पर अभिभाषण पर चर्चा का उत्तर दिया जबकि विपक्षी दल से विपिन सिंह परमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। सदन में विपक्ष की तरफ से विधायक रणधीर सिंह, सुखराम चौधरी व हंसराज ने जमकर सरकार को लपेटा तो सत्ता की तरफ से संजय रतन, चन्द्रशेखर, जगत सिंह नेगी, विक्रमादित्य सिंह, इन्द्रदत्त लखनपाल, केवल पठानिया तथा सुरेश कुमार ने मोर्चा संभाले रखा लेकिन गतिरोध उसके बाद हुआ जब सत्तापक्ष की तरफ से कुछ और सदस्य बोलने लगे।

विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। 

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Content Writer

Vijay