जमीनी हकीकत : यहां खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं नौनिहाल

Sunday, Jul 21, 2019 - 03:52 PM (IST)

पांवटा साहिब (रोबिन): सरकारी विद्यालयों में दिन-प्रतिदिन शिक्षा का स्तर कम होता नजर आ रहा है, जिसका का कारण मूलभूत सुविधा न मिलना है। ऐसी सच्चाई से हम आपको आज रू-ब-रू करवाते हैं, जिसे देखकर आप खुद हैरान हो जाएंगे कि प्रशासन और विभाग की कितनी बड़ी लापरवाही सामने आई है। खुले आसमान के नीचे छात्र छाता लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षा के स्तर को लेकर मंत्री और नेता बड़े-बड़े वायदे भाषणों में कर देते हैं लेकिन जब जमीनी हकीकत सामने आती है तो इन दावों की पोल खुल जाती है। हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय धरोटी की। पिछले कुछ वर्षों से यहां लगातार विभाग तथा सरकार से बिल्डिंग पूर्ण करने की गुहार लगाने के बावजूद इस विद्यालय की 2 कक्षाएं खुले में बैठने को मजबूर हैं।

कई बार उठाया मुद्दा, सरकार के कान में जूं तक नही रेंगी

कई बार इस मुद्दे को एस.एम.सी. तथा विभाग को दिए गए आवेदनों के माध्यम से उठाया गया, बावजूद इसके भी सरकार के कान में जूं तक नही रेंगी। इस छोटे से विद्यालय में 130 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिसमें ज्यादातर बच्चे अनुसूचित जाति के हैं। जहां एक ओर समाज के पिछड़े वर्गों को उठाने के दावे सरकारें बार-बार कर रही हैं, वहीं इन बच्चों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कड़कती धूप में तथा बारिश के मौसम में ये बच्चे खुले आसमान तले बैठने को मजबूर हैं। एस.एम.सी. तथा अभिभावकों का विभाग तथा सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द इन मासूम बच्चों के लिए बिल्डिंग का प्रावधान किया जाए। छात्र 10 किलोमीटर दूर पैदल चलकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय पहुंचते हैं लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण परेशान हो जाते हैं।

अधर में लटका हुआ है बिल्डिंग का कार्य

स्कूल प्रबंधक ने बताया कि कमरों की समस्या के कारण 2 कक्षाओं के छात्रों को बाहर ग्राऊंड में बिठाना पड़ता है। बिल्डिंग का कार्य अधर में लटका हुआ है। इस समस्या से प्रशासन और नेताओं को अवगत करवाया है लेकिन अभी तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। हाल ही में जनमंच के दौरान शिक्षा मंत्री को भी इस समस्या से अवगत करवाया था लेकिन प्रशासन के सुस्त रवैया के कारण यहां के छात्र परेशानियां झेल रहे हैं।

Vijay