शिक्षा नीति का सही क्रियान्यवन ही नीति को सफल बनाएगा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 09, 2021 - 12:10 PM (IST)

धर्मशाला (नवीन) : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर एक में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने शिरकत की। इस अवसर पर वि.वि. के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल भी मौजूद रहे। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि अगले सत्र से विश्वविद्यालय सभी पाठ्यक्रमों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में छात्रों को उपलब्ध करवाएगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि काफी वर्षों बाद भारतीय संस्कृति के अनुरुप शिक्षा नीति तैयार की गई है। भारत की आजादी के बाद यह तीसरी शिक्षा नीति है। हालांकि इससे पहले भी 1968 और 1986 में शिक्षानीति आई थी, लेकिन, ये दोनों ही भारतीय समग्रता के भाव से दूर थी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर सभी विषयों में भारतीय ज्ञान परंपरा, कला, संस्कृति एवं मूल्यों का समावेश की बात कही गई है। साल 2025 तक काॅलेज, वि.वि. स्तर के 50 फीसदी विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा का ज्ञान अर्जित करेंगे। नीति बनाना आसान होता है, लेकिन उसका क्रियान्वयन करना कठिन। क्रियान्वयन सही होगा, तभी नीति सफल होगी। स्नातक स्तर पर 4 वर्ष एवं संरचना में बदलाव की दृष्टि से पाठ्यक्रम के स्वरुप में बदलाव मुख्य विषय व इलेक्टिव विषय के समूहों का निर्धारण करना होगा। शोध अनुसंधानों में भी प्रथम वर्ष से शोध का उन्मुखीकरण प्रारंभ करना होगा। इस मौके पर कुलपति के निजी सचिव प्रो. अंबरीश महाजन, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रदीप कुमार, निदेशक जनसंपर्क एवं परीक्षा नियंत्रक डाॅ. सुमन शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। 

वैदिक गणित के सिद्धांत विषय पर कार्यशाला आरंभ

वैदिक गणित के सिद्धांत विषय पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला केंद्रीय विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर में शुरू हुई है। यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से गणित, कंप्यूटर और सूचना विज्ञान स्कूल के अंतर्गत वैदिक गणित अनुसंधान केंद्र औरश्रीनिवास रामानुजनगणित विभाग के द्वारा आयोजित की जा रही है जो कि 8 नवम्बर से 12 नवम्बर तक चलेगी।  अतुल भाई कोठारी, राष्ट्रीय समन्वयक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे। अतुल भाई कोठारी ने वैदिक गणित के सिद्धांतों पर अकादमिक चर्चा शुरू करने पर जोर दिया ताकि इस ज्ञान को आम जनता तक पहुंचाया जा सके।

उन्होंने विश्वविद्यालय के गणितज्ञों/शोधकत्र्ताओं से वैदिक गणित के मौजूदा ज्ञान में योगदान देने के लिए रेखा गणित, अंक गणित और बीजगणित पर स्वतंत्र पुस्तकें लिखने का भी आग्रह किया। प्रो. एस.पी. बंसल, कुलपति सी.यू. ने कहा कि वैदिक गणित मानसिक गणनाओं के माध्यम से चीजों को सीखने का एक तेज और आसान तरीका है जो कि कंप्यूटर की तरह तेज होने के साथ-साथ सटीक भी है। वैदिक गणित छात्रों के बीच गणित को रोचक और दिलचस्प बनाएगा। उन्होंने बहुत जल्द वैदिक गणित में डिप्लोमा पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य पाठ्यक्रम शुरू करने का भी भरोसा दिलाया। कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से 1000 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। आयोजन सह-सचिवए डाॅ. पंकज कुमार ने कहा कि यह आयोजन वैदिक गणित का मूलभूत ज्ञान प्रदान करेगा।
 


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Content Writer

prashant sharma

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