बैडिंग कैपेसिटी होने पर ही सैलानियों को लाहौल घाटी जाने की मिलेगी इजाजत

Wednesday, Aug 08, 2018 - 04:16 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): रोहतांग टनल खुलने के बाद लाहौल घाटी में बैडिंग कैपेसिटी होने पर ही सैलानियों को वहां जाने की अनुमति दी जाएगी। अभी तक घाटी के विभिन्न टैंटों और गैस्ट हाऊस में 1,882 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। सरकार इसे बढ़ाना चाहती है। इसी मकसद से सरकार ने पर्यटन विभाग को लाहौल घाटी की कैरिंग कैपेसिटी का पता लगाने तथा शहरी विकास विभाग को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान बनाने को कहा है ताकि रोहतांग टनल खुलने के बाद घाटी में पर्यटन की आड़ में कसौली व मनाली जैसे अवैध और अनियोजित निर्माण न हों।

माना जा रहा है कि रोहतांग टनल के खुलने के बाद लाहौल घाटी में पर्यटकों की बाढ़ सी आ जाएगी। यह देखते हुए सरकार ने सैलानियों को संभालने की तैयारियां शुरू कर दी है। यहां बैडिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए तिंदन वैली, केलांग, तोद वैली, मैयाद घाटी और त्रिलोकी नाथ में नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे। इन स्थलों पर रिवर रॉफ्टिंग और विंटर स्पोर्ट्स की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। सरकार ने इन स्थलों पर पार्किंग समेत आधारभूत सुविधाएं जुटाने को कह दिया है।

रिवर व्यू पर किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। लाहौल में 6 रोपवे बनाने का भी प्रस्ताव है। इनके बन जाने से सैलानी हवा में रोमांच का सफर कर पाएंगे और ट्रैफिक कंजैशन भी कम होगा। फिलहाल अभी करीब 9 किलोमीटर लंबी रोहतांग टनल का काम चल रहा है। टनल का काम पूरा होने में अभी एक से डेढ़ साल तक का वक्त लग सकता है। इस टनल के बनने से प्रदेश में पर्यटन को पंख लगेंगे। टनल खुलते ही सैलानियों को नए पर्यटन स्थलों के दीदार होंगे। सर्दियों में 6 माह के लिए देशभर से कटने वाली लाहौल घाटी और मनाली एक-दूसरे से जुड़ जाएंगी। सुरंग के तैयार होते ही सैलानी धुंधी, सिस्सू व कोकसर जैसे नए पर्यटन स्थलों पर जा पाएंगे। 

Ekta