कुल्लू में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमी को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन समाप्त, जानिए क्या बोले MLA सुंदर सिंह ठाकुर

punjabkesari.in Saturday, Jun 11, 2022 - 12:29 AM (IST)

कुल्लू (दिलीप): प्रदेश भर में खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते प्रदेश के लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, ऐसे में क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमी को लेकर 40 दिनों से चल रहे जनता के धरना-प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया। सदर विधायक सुंदर सिंह ठाकुर की अगुवाई में ढालपुर से लेकर क्षेत्रीय अस्पताल तक सरकार के खिलाफ  रोष रैली निकाली गई। उन्होंने कहा कि 40 दिनों से क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के बाहर लगातार जनता धरना-प्रदर्शन कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री 3 बार कुल्लू पहुंचे, लेकिन विशेषज्ञ डाॅक्टरों का उचित प्रबंध नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पतलीकूहल में मुख्यमंत्री के पास निजी अस्पताल खोलने के लिए समय था लेकिन धरने प्रदर्शन में बैठे लोगों की परेशानियों को लेकर कोई ङ्क्षचता नहीं थी। सरकार गूंगी-बहरी है, ऐसे में मजबूरन धरना-प्रदर्शन को समाप्त करना पड़ रहा है। जिले में सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा। अभी तक करीब 50 हजार लोगों के हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं और आने वाले समय में इसका आंकड़ा 1 लाख से पार होगा। 

जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हुई सरकार
उन्होंने प्रदेश सरकार पर एक बार फिर कुल्लू जिले से भेदभाव को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिले में खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनता त्रस्त है, लेकिन सरकार जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हुई है। मुख्यमंत्री जिस प्रकार से बयानबाजी कर रहे हैं तथा वीरभद्र सिंह के परिवार को ललकार रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने इस प्रदेश के विकास के लिए 18-18 घंटे काम कर पूरे हिमाचल में विकास किया है और उनके मॉडल को आज प्रदेश की जनता याद करती है। साढ़े 4 वर्षों में सरकार ने सड़क शिक्षा स्वास्थ्य का ढांचा मजबूत नहीं किया है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाबा को बाबा नहीं कहेंगे तो क्या डाॅक्टर कहेंगे
सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि मैंने जब कहा कि पतलीकूहल में एक महाराजा अस्पताल निकाला जा रहा है, ऐसे में मंत्री कह रहे थे कि बाबे को बाबे बोलकर अपमान किया। उन्होंने कहा कि बाबा को बाबा नहीं कहेंगे तो क्या डाॅक्टर कहेंगे। पतलीकूहल में 20 करोड़ की 4 बीघा सरकारी भूमि निजी संस्था को मुफ्त में दी, ऐसे में सरकार ने निजी संस्था के साथ सौदेबाजी की है और उसकी एवज में एमआरआई मशीन और एम्बुलैंस मांगी है। अगर निजी संस्था को अस्पताल खोलना था तो वह जमीन खरीद कर लोगों की सेवा के लिए अस्पताल बना देते हैं।

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Content Writer

Vijay

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