तेल के बढ़ते दामों ने निजी बस ऑप्रेटरों का बिगाड़ा खेल

Monday, Sep 10, 2018 - 12:09 PM (IST)

चम्बा : शनिवार को एक बार फिर से डीजल के दामों में 10 पैसे की बढ़ौतरी हो गई। इस वजह से अब जिला मुख्यालय में डीजल 73 रुपए 76 पैसे हो गया। ऐसे में निजी बस ऑप्रेटरों के सब्र का पैमाना छलकने लगा है। इस वर्ग की मानें तो बीते पांच सालों के दौरान डीजल के दामों में 80 से 90 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी हो चुकी है लेकिन बस किराए में एक रुपए की बढ़ौतरी नहीं हुई है। जिला चम्बा निजी बस ऑपे्रटर संघ की मानें तो इस स्थिति के बीच उन्हें भारी घाटे का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हर दिन इस घाटे का बोझ निजी बस ऑप्रेटरों पर बढ़ता जा रहा है। यही स्थिति रही और सरकार ने बसों के न्यूनतम किराए में जल्द बढ़ौतरी नहीं की तो कई निजी बस ऑप्रेटर अपनी बसों को खड़ा करने के लिए मजबूर होंगे।

सरकार सकारात्मक रुख दिखाए
बस ऑप्रेटर बिशो का कहना है कि सरकार ने निजी बस ऑप्रेटरों के प्रति अपना जो रुख अपना रखा है उसके चलते बस मालिकों को हर दिन नुक्सान उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बिशो का कहना है कि बस चलाना अब बस ऑप्रेटरों के लिए बस की बात नहीं रही है। सरकार को शीघ्र इन वर्ग को राहत पहुंचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।

निजी बस ऑप्रेटरों को सरकार राहत प्रदान करे
अजय ठाकुर का कहना है कि सारे कानूनों को अमल में लाते हुए बस ऑप्रेटर या फिर बस चालक से एक भी गलती हो जाती है तो उसे उसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। ऐसे में निजी बस ऑप्रेटरों को सरकार कहीं न कहीं तो रियायत दे। उन्होंने कहा कि निजी बसों के चलने से सरकार पर जनता का दबाव काफी कम हुआ है। ऐसे में अगर मजबूर होकर निजी बस ऑप्रेटरों को हड़ताल पर जाना पड़ा तो सरकार की सांसें फूल जाएंगी। हैप्पी भारद्वाज का कहना है कि अब तेल के दामों में आए दिन हो रही बढ़ौतरी से लोगों को तथा बस ऑप्रेटरों को निजात दिलाने का एक यही साधन है कि तेल को भी जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए। ऐसा सरकार को करना चाहिए ताकि कम से कम तेल के दामों में इस तरह से बेतहाशा बढ़ौतरी तो न हो।

kirti