हमीरपुर में नर्स ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बयां की दास्तां

Friday, Oct 04, 2019 - 02:43 PM (IST)

हमीरपुर (अरविंदर): हिमाचल प्रदेश में एक नर्स (मोनिका कनोरिया) द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। मृतका (32) हमीरपुर जिला के बारल गांव में एक किराए के भवन में रहती थी। जिसका 5 साल का बेटा है और जब स्कूल से देर शाम बच्चे को मकान मालिक मां के कमरे में ले गया तो देखा कि फंदे से मोनिका लटकी हुई थी। बता दें कि घटना के समय मकान में कोई नहीं था। वहीं बताया जा रहा है कि मोनिका ने मरने से पहले सूसाईड नोट भी लिखा है जिसमें उसने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में वार्ड सिस्टर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जिसके चलते पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पोस्ट र्माटम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।

गौरतलब है कि मोनिका दो साल से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सेवाएं दे रही थी और मोनिका के लिखे हुए सुसाइड नोट के अनुसार सीनियर वार्ड सिस्टर आए दिन कुछ न कुछ कह कर तंग करती थी। जिस कारण मजबूरन उसने आत्महत्या करने का फैसला लिया और अपनी मौत के लिए सीनियर स्टाफ नर्स को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि स्कूल टाइम से ही पढ़ाई में टापर रही है। लेकिन सीनियर स्टाफ नर्स हर बात के लिए रोका टोकी और डफर कह कर बुलाती थी जिस पर हर समय प्रताड़ना झेलना उसके लिए असंभव हो गया था। बता दें कि मृतका के पति आत्मिक कनोरिया भी दवा कंपनी शिमला में काम करता है। वहीं पुलिस ने धारा 306 आईपीएसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।

मृतिका के पति ने बताया कि शिमला से वापिस आ रहा था तो फोन आया कि घर पर मोनिका ने फंदा लगा लिया है। उन्होंने बताया कि जिस सीनियर नर्स की वजह से पत्नी ने फंदा लगाया है उस पर कानूनन कार्रवाई की जाए। वहीं मोनिका के परिजनों ने आरोप लगाया कि वार्ड सिस्टर आए दिन तंग करती थी और इस कारण ही मोनिका ने आत्महत्या की है। उन्होंने मांग की है कि वार्ड सिस्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। सीटू के वरिस्ट नेता अनिल मनकोटिया ने कहा कि स्टाफ नर्स के द्वारा आत्महत्या मामले में कानून कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में आए दिन लोगों के साथ बदतमीजी के मामले सामने आते है और कर्मचारियों का व्यवहार सही नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी को भी पूरा किया जाए। उन्होने मांग करते हुए कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

kirti