NSUI ने लगाए IIRD पर 50 हजार युवाओं को चूना लगाने के आरोप

Sunday, Nov 04, 2018 - 05:59 PM (IST)

शिमला (योगराज): शिमला के शनान में स्थित आईआईआरडी संस्थान पर एनएसयूआई ने युवाओं के साथ फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। संस्थान पर प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने के नाम पर फीस वसूलने के आरोप लगे हैं। शिमला में एनएसयूआ के उपाध्यक्ष विनय हेटा ने कहा कि आईआईआरडी शिमला द्वारा मिशन रीव नामक प्रोग्राम के लिए जून 2017 मे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भर्ती के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन मंगवाए। जिसमें विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे गए जिनकी अलग-अलग फीस निर्धारित की गई। 50 हजार युवाओं ने इसमें आवेदन किया जिनमें से 6 हजार युवाओं को नौकरी देने के संस्थान ने दावा किया है लेकिन जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्हें पिछले एक साल से वेतन नहीं दिया है। 

संसथान ने लगभग 4 करोड़ रुपए का घोटाला युवाओं के माध्यम से प्रदेश के लोगों से किया है। संस्थान का 180 करोड़ रुपया पैसा इकठ्ठा करना टारगेट था। सरकार इस मामले जल्द कारवाई अमल में लाए जिससे भविष्य में भी इस तरह की ठगी करने वालो पर रोक लग सके। वहीं आई.आई.आर. डी के ठगी का शिकार हुए युवाओं ने बताया कि एक साल नौकरी करते हुए उनको हो गया है लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। जब भी प्रबंधन से वेतन की मांग की जाती है तो प्रबंधन उन्हें टाल देता है और अब तो प्रबंधन ने बात करना ही बंद कर दिया है। नौकरी कर रहे युवाओं ने बताया कि आई.आई.आर. डी. ने मिशन रीव के तहत युवाओं को हर पंचायत से लोगों को सुविधाएं देने के नाम पर 2000 रुपए प्रति व्यक्ति मैंबरशिप के नाम पर लेने का काम दिया गया।

युवाओं ने भी स्कीम के तहत लोगों से करोड़ों रुपए एकत्रित किए। लेकिन अभी तक पंचायत में किसी भी व्यक्ति का कोई काम आईआईआरडी ने किया है। अब पंचायत के लोग उनसे पूछ रहे है कि जो काम करने के दावे उनसे किए गए थे उसका क्या हुआ। युवाओं का अपनी पंचायत ने जाना मुश्किल हो गया है। युवाओं ने सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने पिछले कल हिमाचल प्रदेश के डीजीपी से मुलाकात की है और मामले को लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है जिस पर आईआईआरडी के खिलाफ ढली थाना में धारा 420 के अंतर्गत मामला भी दर्ज़ हुआ है। एनएसयूआई के उपाध्यक्ष ने बताया कि संसथान की तरफ से उन्हें कई तरह की धमकियां मिल रही है। उन्होंने सरकार से इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। 
 

Ekta