अब मनमर्जी से किराया बढ़ाया तो रद्द होंगे टैक्सी परमिट

Sunday, Feb 25, 2018 - 10:07 AM (IST)

शिमला: बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अब मनमर्जी से टैक्सी ऑप्रेटर किराया नहीं बढ़ा सकेंगे। न्यायालय के आदेशों के बाद स्कूली टैक्सियों में ओवरलोडिंग को रोकने के लिए जिला प्रशासन सहित परिवहन विभाग ने व्यापक अभियान चलाया है। टैक्सियों में बच्चों को स्कूल ले जाने वाले ऑप्रेटर भारी भरकम संख्या में बच्चों को टैक्सियों में भरकर स्कूल ले जाते हैं, ऐसे में ओवरलोडिंग को रोकने के लिए न्यायालय ने आदेश दिए थे। 


न्यायालय के आदेशों को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश दिए हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए टैक्सी ऑप्रेटर कम संख्या में बच्चे ले जाते हैं तो वे अपना किराया बढ़ाएंगे। मोटी कमाई के चक्कर में टैक्सी ऑप्रेटर लोगों की जेब पर भी भारी पड़ सकते हैं। इससे अभिभावकों पर प्रतिमाह बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अतिरिक्त भार पड़ेगा। लोगों की समस्या को देखते हुए अब न्यायालय के आदेशों के बाद परिवहन विभाग भी सख्त हो गया है। ऐसे में टैक्सी ऑप्रेटरों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए विभाग द्वारा टैक्सी परमिट कैंसिल करने की तैयारी की जा रही है। यदि ऑप्रेटरों द्वारा किराया बढ़ाया जाता है तो इसको लेकर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


यह है तय किराया
टैक्सियों में बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए प्रति किलोमीटर किराया तय किया जाता है। इस संबंध में सरकार द्वारा प्रति किलोमिटर 6.75 रुपए किराया तय किया गया है। राजधानी के विभिन्न स्कूलों में प्रतिदिन बच्चे 10 से 15 किलोमीटर तक सफर करते हैं, ऐेसे में तय सफर के अनुसार ही टैक्सी ऑप्रेटर बच्चों के अभिभावकों से किराया ले सकेंगे। 


शिकायत मिलते ही होगी कार्रवाई
यदि तय किराए से अधिक टैक्सी ऑप्रेटरों द्वारा अभिभावकों से किराया वसूल किया जाता है और इसको लेकर विभाग को कोई भी शिकायत मिलती है तो इस संबंध में कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अब टैक्सी ऑप्रेटरों की मनमानी को रोकने के लिए विभाग द्वारा सख्त कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।