अटल टनल बनी सहारा, अब लाहौल का आलू किसानों को करेगा मालामाल

Wednesday, Oct 07, 2020 - 07:08 PM (IST)

कुल्लू (संजीव जैन): अटल टनल के बनने से जहां सीमा पर तैनात सैनिकों को मदद मिलेगी। वहीं जिला लाहौल-स्पीति की लाहौल घाटी के किसानों के लिए भी यह उम्मीद बनकर सामने आई है। लाहौल के किसानों को अब अपने उत्पाद बाहरी मंडियों को पहुंचाने में सुविधा मिलेगी। लाहौल घाटी में इन दिनों लोग अपने कृषि कार्यों में व्यस्त हैं। लाहौल में अब जल्द ही सर्दियां दस्तक देने वाली हैं तो वहीं लोग भी इससे पहले ही अपने कृषि कार्यों को पूरा करने में जुटे हुए हैं। लाहौल घाटी में किसान इन दिनों आलू की फसल निकालने में जुटे हुए हैं।

लाहौल घाटी में बाहरी राज्यों के व्यापारियों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। किसानों को खेतों में ही आलू के बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे किसान काफी खुश हैं। लाहौल घाटी में आलू कई दशकों से आर्थिकी का एक मजबूत जरिया रहा है वहीं अब आलू की कई किस्में भी लाहौल में उगाई जा रही हैं। किसानों का कहना है कि अब घाटी में आलू की फसल से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। पहले रोहतांग दर्रा से गाडिय़ों के माध्यम से आलू बाहर की मंडियों में पहुंचाया जाता था, जिसमें काफी पैसा व समय बर्बाद होता था लेकिन अब टनल के बनने से किसानों का आलू आसानी से बाहरी मंडियों तक जा सकेगा।

किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें आलू की फसल के अच्छे दाम मिल रहे हैं और कई प्रकार की आलू की किस्में लाहौल घाटी में उगाई जा रही हंै। टनल के बनने से घाटी के किसानों को अब नुक्सान नहीं होगा। गौर रहे कि लाहौल घाटी में विदेशी सब्जियों का उत्पादन भी किसानों द्वारा किया जा रहा है और यहां उगाए जाने वाले फूलों को भी सीधे दिल्ली मंडी में सप्लाई किया जाता है। टनल बनने से अब किसान 12 माह बाहरी मंडियों से जुड़े रह सकेंगे।

Vijay