अब मार्केटिंग बोर्ड और एपीएमसी कर्मियों ने कृषि बिल के विरोध में दिया धरना

punjabkesari.in Saturday, Sep 26, 2020 - 07:17 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र) : किसानों व आढ़तियों के बाद अब सरकारी मंडियों में काम करने वाले कर्मचारी भी संसद में पास कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक 2020 के विरोध में उतर आए हैं। मंडी कर्मचारी कल्याण संघ की राष्ट्रीय समिति (भारत) के आह्वान पर राज्य के मार्केटिंग बोर्ड और सभी एपीएमसी मुख्यालय में शनिवार को कर्मचारियों ने सांकेतिक धरना दिया। एपीएमसी कर्मचारियों को भय सता रहा है कि प्रस्तावित कानून लागू होने से न केवल किसान-बागवान, आढ़ती व मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी बल्कि मंडी अधिनियम शिथिल होंगे। इससे मार्केटिंग बोर्ड व एपीएमसी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। एपीएमसी की आय के सारे साधन प्रस्तावित कानून लागू होने के बाद बंद हो जाएंगे। 

मंडी समिति शिमला-किन्नौर के धरने को संबोधित करते हुए परसराम वर्मा ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक 2020 में संशोधन करके लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मार्केटिंग बोर्ड और एपीएमसी को यथावत जारी रखने का भरोसा दिया है। उन्होंने हिमाचल की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रस्तावित कानून हिमाचल में लागू न करने का आग्रह किया है। इसी तरह मार्केटिंग बोर्ड व अन्य एपीएमसी मुख्यालय में भी कर्मचारियों ने इस बिल को संशोधन के बाद ही लागू करने का आग्रह किया है। 

बता दें कि देशभर में किसान जबरदस्त ढंग से केंद्र द्वारा लगाए गए तीन बिलों का विरोध कर रहे हैं। किसानों के अलावा आढ़ती, मंडियों में काम करने वाले मजदूर भी इनका विरोध कर चुके हैं। हिमाचल में सत्ता पक्ष से जुड़े नेता जो मार्केटिंग बोर्ड और एपीएमसी का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं, वो भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर इन प्रस्तावित कानूनों को हिमाचल प्रदेश में लागू न करने का आग्रह कर चुके हैं। 

राष्ट्रीय मंडी कर्मचारी संघ के सचिव जेपी शर्मा ने बताया कि देशभर में मंडी समिति कर्मचारियों ने शनिवार को बोर्ड और एपीएमसी मुख्यालय में धरना देकर संसद में पास कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक 2020 का विरोध जाहिर किया है। हिमाचल की सभी एपीएमसी और बोर्ड मुख्यालय में भी कर्मचारियों ने धरना देकर इस बिल को संशोधित करने का आग्रह किया है।
 


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prashant sharma

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