अब महिला प्रधानों के पतियों की नहीं चलेगी धौंस, पंचायती राज विभाग ने दिए ये आदेश

Saturday, Jul 29, 2017 - 12:22 AM (IST)

शिमला/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पंचायतों की होने वाली बैठकों और कार्यों में महिला प्रधानों के पति हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे और न ही किसी तरह की धौंस जमा सकेंगे। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि महिला पंचायत प्रधानों को अब अपने पति व किसी अन्य रिश्तेदार की मदद के बिना ही पंचायत के काम निपटाने होंगे। यदि किसी पंचायत में आदेशों की अनदेखी होती है तो संबधित महिला पंचायत प्रधान के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबध में पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।

जनमानस से मिल रही थीं शिकायतें  
सूचना के अनुसार प्रदेश सरकार को जनमानस से ये शिकायतें मिल रही थीं कि पंचायतों की बैठकों से लेकर कार्यों में महिला प्रतिनिधियों के पतियों व अन्य नजदीकी लोगों का अधिक हस्तक्षेप रहता है और कई बार तो वे धौंस जमाने से भी पीछे नहीं हटते। इसके चलते बैठकों में आए लोग चुनी हुई महिला पंचायत प्रधान के सामने अपनी बात सही ढंग से नहीं रख पाते, ऐसे में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विभाग ने कड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

व्यापक दिशा-निर्देश जारी
पंचायती राज विभाग के निदेशक आर. सेलवम ने हुए बताया कि कुछ पंचायतों से शिकायतें मिलीं थीं जिन्हें ध्यान में रखते हुए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों के कार्यों व बैठकों में महिला प्रधानों के पतियों का हस्तक्षेप तर्कसंगत नहीं है, ऐसे में अधिकारियों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने को कहा गया है। नए आदेशों में पंचायती राज निदेशक ने सख्ती दिखाते हुए विभागीय पत्र संख्या पी.सी.एच-एच-ए 15/2008-11-33396-485 के तहत सभी संबंधित अधिकारियों को इस बाबत अनुपालना करने को कहा है। 

3226 पंचायतों में हैं 1638 महिला प्रधान
हिमाचल में कुल 3226 पंचायतें है। इनमें 1588 पुरुष प्रधान तो 1638 महिला प्रधान हैं। इसी तरह देखा जाए तो राज्य में 1673 बी.डी.सी. सदस्य हैं। इनमें 811 पुरुष और 862 महिलाएं हैं। इसके साथ ही 250 जिला परिषदों में 123 पुरुष और 127 महिलाएं हैं। 

यहां करें शिकायत
महिला पंचायत प्रधानों के पति यदि पंचायतों के कार्य या बैठकों में कोई हस्तक्षेप करते है तो उस संबध में बी.डी.ओ. कार्यालय को शिकायत की जा सकती है। इसके साथ ही जिला पंचायत अधिकारी, डी.सी. या सीधे पंचायती राज विभाग को भी शिकायत की जा सकती है। इस संबंध में विभाग द्वारा संबंधित को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।