अब कमाई का साधन बन रहीं HRTC की बसें

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 09:59 AM (IST)

शिमला (राजेश) : एच.आर.टी.सी. जिन बसों पर हर रोज हजारों रुपए खर्च कर यात्रियों को सुविधाएं दे रही हैं, वहीं अब ये बसें कमाई का साधन बन रही हैं। शहर में चल रहीं इलैक्ट्रॉनिक बसें एच.आर.टी.सी. को घाटे से उबारने में हरसंभव प्रयास कर रही हैं। इन इलैक्ट्रॉनिक बसों का एक दिन का खर्च लगभग 100 रुपए है, जबकि एक इलैक्ट्रॉनिक बस की एक दिन की कमाई लगभग 5,000 रुपए है।

ऐसे में निगम की रूटों पर चलने वाली 30 इलैक्ट्रॉनिक बसों की एक महीने की कमाई लाखों में बन रही है, जबकि इन बसों का एक महीने का खर्चा सिर्फ हजारों रुपए में बनता है। इन बसों में की जाने वाली चार्जिंग का बिल्कुल भी खर्च नहीं है। एच.आर.टी.सी. आर.एम. लोकल देवासेन नेगी का कहना है कि बसों से अच्छी खासी कमाई हो रही है। चाॄजग करने में तो हमारा कोई भी खर्च नहीं आता है। सिर्फ मैंटीनैंस का खर्च देखें तो मुश्किल से 100 रुपए खर्च आता है, वहीं अब 20 बसें और आ रही हैं, ऐसे में शिमला में 50 बसें हो जाएंगी। इनसे जहां प्रदूषण कम होगा, वहीं निगम को आमदनी भी होगी।

2 घंटे चार्ज करने पर चलती है 100 किलोमीटर

2 घंटे चार्ज होने पर इलैक्ट्रॉनिक बस लगभग 100 किलोमीटर तक चलती है। इन बसों से शोर भी नहीं होता है। प्रदूषण व शोर कम होने के चलते ही शहर में ये बसें चलाई गई हैं। ये बसें बिल्कुल धुआं रहित हैं, वहीं इनकी सीटें भी आरामदायक हैं। इनमें शहर के लोग व पर्यटक आरामदायक सफर तय कर रहे हैं। पुरानी बसें ग्रामीण उपनगरों में होंगी शिफ्ट, डीजल बसें शहर में नहीं चलेंगी शहर में अभी जे.एन.एन. यू.आर.एम. के तहत जो बसें चली हुई हैं, उन्हेें ग्रामीण और उपनगरों के रूटों पर शिफ्ट किया जाएगा। शहर में 20 नई इलैक्ट्रिक बसें आ रही हैं। ये शिमला में मौजूदा समय में चल रहीं डीजल बसों के साथ रिप्लेस होंगी।


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Edited By

Simpy Khanna

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