अब फोरलेन संघर्ष समिति आर-पार की लड़ाई लड़ने पर उतरी

Tuesday, Oct 09, 2018 - 12:32 PM (IST)

मंडी : फोरलेन संघर्ष समिति प्रदेश सरकार की ओर से वार्ता को समय न दे पाने से अब आर-पार की लड़ाई पर उतर आई है। प्रभावितों का आरोप है कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के प्रथम चरण का काम छोड़ कंपनी भाग गई है और कंपनी के अधिकारी खाली जगह पर काम के बजाय लोगों के मकानों को तोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं और पुलिस भेजी जा रही है जिससे लोग आहत हैं।

अपने घर-बार फोरलेन की जद्द में आने के बावजूद लोग खुद मकान तोड़ रहे हैं लेकिन मकान तोडऩे से पहले ही बिजली काट दी गई है जिससे वे काम नहीं कर पा रहे हैं और नए निर्माण के लिए अब टी.सी.पी. ग्रामीण क्षेत्रों में लागू कर दिया गया है जिससे फोरलेन किनारे पर जिन लोगों की थोड़ी बहुत जमीन बची हुई है वे वहां 5 मीटर कंट्रोल विड्थ की शर्त लगने से निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। इन्हीं बातों से रुष्ठ होकर प्रभावितों ने अब संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 15 अक्तूबर को मंडी में 1 दिन की सामूहिक भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है।

प्रैस वार्ता में संघर्ष समिति के अध्यक्ष खुशहाल ठाकुर ने कहा कि हम बार-बार प्रदेश सरकार से वार्ता की गुहार लगा रहे हैं लेकिन हर बार उनकी बात को टाला जा रहा है। पहले स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू में प्रभावितों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की और कहा कि अधिकारियों के साथ जल्द समिति की वार्ता करवाई जाएगी जिसके लिए उन्होंने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को अधिकृत किया है लेकिन पहले बाढ़ में रैस्क्यू के चलते मंत्री वक्त नहीं दे पाए और अब भी व्यस्तता का बहाना बनाकर मंत्री वार्ता का समय निश्चित नहीं कर पा रहे हैं।

खुशहाल ठाकुर ने कहा कि बाढ़ से आई त्रासदी के चलते हमने 2 अक्तूबर को सेरी मंच पर तय धरना टाल दिया लेकिन बावजूद इसके अभी तक वार्ता के लिए कोई तिथि तय नहीं हो पा रही है जिससे फोरलेन प्रभावित गुस्से में हैं। लिहाजा अब संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 1 दिन की सामूहिक भूख हड़ताल मंडी के सेरी मंच पर होगी, जिसमें पूरे प्रदेश से फोरलेन प्रभावित और अन्य प्रोजैक्टों से विस्थापित होने वाले किसान, बागवान और भू मालिक हिस्सा लेंगे।

ये हैं समिति की मांगें
खुशहाल ठाकुर ने कहा कि प्रभावितों को भाजपा सरकार के विजन डॉक्यूमैंट के अनुसार फैक्टर-2 के तहत 4 गुना मुआवजा, भू-अधिग्रहण कानून-2013 के अनुसार मौजूदा बाजार भाव व सैक्शन 28 का पालन, पुनस्र्थापना, पुनर्वास के संविधान के अधिकारों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ, प्रभावितों को मिले मकानों का मुआवजा वर्तमान दरों पर देने, फोरलेन निर्माण से प्रभावित रास्ते में नालियां, कुएं, बिजली व पाइप लाइन की बहाली, वैज्ञानिक तथा गैर जरूरी खनन पर रोक, घटिया स्तर की काम की जांच, पेड़-पौधों का सही मूल्यांकन और मौजूदा बाजार भाव से मुआवजा दिलाने, कीरतपुर-नेरचौक का निर्माण छोड़ भागी कंपनी पर कार्रवाई सहित इस भाग का निर्माण पहले पूरा हो और उसके बाद आगे का काम शुरू करने, पूरे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को टी.सी.पी. से तुरंत बाहर करने और 5 मीटर कंट्रोल बिड्थ में सरकार जनता को राहत दे। इन्हीं मांगों को लेकर प्रभावित एकजुट हो चुके हैं और सरकार की ओर से वार्ता को समय न देने से गुस्साए हुए हैं। 
 

kirti