अब उपभोक्ताओं को अंगूठे के बिना नहीं मिलेगा सरकारी राशन

Friday, Dec 01, 2017 - 03:08 PM (IST)

चंबा (विनोद): नए वित्तीय साल में जिला चंबा के राशन कार्ड धारकों को सरकारी राशन प्राप्त करने के लिए अंगूठे का प्रयोग करना होगा। जो उपभोक्ता ऐसा नहीं करेगा उसे सरकारी डिपो में रियायती दरों पर मिलने वाला राशन प्राप्त नहीं होगा। इसके लिए खाद्य आपूर्ति विभाग अपने उपभोक्ताओं को आधार के साथ जोड़ने के कार्य को अंजाम देने में जुटा हुआ है। विभाग की मानें तो उसने अब तक जिला चंबा में इस कार्य को 83 प्रतिशत पूरा कर लिया है, शेष बचे 17 प्रतिशत कार्य को वह अगले नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पूर्व पूरा कर लेगा। विभाग का कहना है कि इनके जनजातीय विकास खंड पांगी में यह कार्य धीमी गति से चला हुआ है क्योंकि वहां पर अभी तक कई लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं तो साथ ही समूची पांगी घाटी में अभी तक मोबाइल नैटवर्क की सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है। 


राशन कार्ड धारक परिवार को जोड़ने का कार्य युद्धस्तर पर चलाया गया
आने वाले दिनों में पांगी घाटी में बर्फ गिरने के बाद इस कार्य की गति बेहद धीमी हो जाएगी। ऐसे में पांगी घाटी की तमाम परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए विभाग ने 31 मार्च से पूर्व जिला चंबा में मौजूद अपने सभी 1,28,117 उपभोक्ताओं को आधार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग के अनुसार जिला के सभी 7 विकास खंडों में से चंबा व मैहला विकास खंड इस कार्य को अंजाम देने में अग्रणी हैं। इन विकास खंडों में आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड धारक परिवार को जोड़ने का कार्य युद्धस्तर पर चलाया गया, जिसके चलते इन दोनों विकास खंडों में यह कार्य 90 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। जिला के जनजातीय विकास खंड भरमौर में इस कार्य को 85 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। जिला में सिर्फ पांगी विकास खंड ही एकमात्र ऐसा विकास खंड है, जहां इस कार्य को 85 प्रतिशत से कम किया गया है। 


सरकारी खजाने पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कम होगा
विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकारी आटा व चावल तथा दालों को न लेने वाले उपभोक्ता जब खुद को सिर्फ चीनी लेने तक ही सीमित रखेंगे तो जो राशन बचेगा, उसकी एवज में सरकारी खजाने को भारी राहत मिलेगी। जानकारी के अनुसार वर्तमान में हर माह चंबा में सरकारी राशन के डिपुओं के माध्यम से 63,542 मीट्रिक टन गंदम की आपूर्ति की जाती है। आधार लिंक होने से अगर इस मात्रा में 20 प्रतिशत तक भी कमी होती है तो हर माह अकेले में ही सरकार के लाखों रुपए की बचत होगी। 


जिला में 460 सरकारी डिपुओं के माध्यम से दिया जाता है राशन
जानकारी के अनुसार जिला चंबा में अपने राशन कार्ड धारकों तक सरकारी राशन पहुंचाने के लिए विभाग 460 डिपोधारकों पर निर्भर है। इन सभी डिपोधारकों को विभाग ने बायोमीट्रिक मशीनें जारी कर दी हैं। इन मशीनों को संचालित करने के लिए अब सिर्फ राशन कार्ड धारक का आधार कार्ड लिंक किया जाना है तो साथ ही इन मशीनों को मोबाइल सिग्नल के साथ जोड़ा जाना शेष है। 


आधार लगाएगा सरकारी राशन की कालाबाजारी पर ब्रेक
जानकारी के अनुसार आधार को राशन कार्ड के साथ इसलिए लिंक किया जा रहा है ताकि प्रदेश में सरकारी राशन की होने वाली कालाबाजारी पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके। सूत्रों के अनुसार राशन कार्ड धारकों में बड़ी तादाद में एक ऐसा तबका है जो डिपुओं पर हर माह मिलने वाले चावल, आटे व दालों का प्रयोग नहीं करता है। उसने खुद को सिर्फ सरकारी चीनी तक ही सीमित रखा हुआ है। ऐसे राशन कार्ड धारकों के राशन की कालाबाजारी होती है। आधार कार्ड के लिंक होने के बाद ऐसा कुछ नहीं होगा। 


आधार लिंक न होने पर नहीं मिलेगा सरकारी राशन
विभाग के अनुसार उसने प्रत्येक राशन कार्ड धारक के आधार को लिंक करना है। इस आधुनिक व्यवस्था के लागू होने के बाद राशन कार्ड धारक को अपने हिस्से का सरकारी राशन लेने के लिए स्वयं डिपो का रुख करना होगा। अगर उक्त उपभोक्ता अपने राशन को लाने का जिम्मा ऐसे किसी व्यक्ति को सौंपता है जोकि उस राशन कार्ड का सदस्य नहीं है और उक्त राशन कार्ड में वह आधार लिंक उपभोक्ता नहीं है तो उसे राशन नहीं मिलेगा। यानी एक राशन कार्ड में अगर 4 उपभोक्ताओं के नाम दर्ज हैं तो उन चारों उपभोक्ताओं के आधार लिंक होंगे। ऐसे में उक्त 4 लोगों में से ही एक के डिपो पर जाने पर सरकारी राशन मिलेगा।