IHBT पालमपुर के वैज्ञानिकों की बड़ी पहल, अब हिमाचल में होगी हींग की खेती

Saturday, Feb 08, 2020 - 05:20 PM (IST)

पालमपुर (संजीव राणा): भले ही देश में हर खाने की थाली में हींग रहता है परंतु विडंबना यह है कि भारत में अभी तक इसका उत्पादन नहीं होता है। भारत अभी तक हींग का आयात करता है लेकिन अब देश में पहली बार हींग का उत्पादन शुरू होगा। सीएसआईआर के हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर के वैज्ञानिकों ने हींग के उत्पादन को लेकर बड़ी पहल की है। संस्थान की यह पहल देश को हींग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर के वैज्ञानिकों ने गुणवत्तायुक्त हींग की पौध तैयार की है। बताया जा रहा है कि नैशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जैनेटिक के माध्यम से संस्थान को हींग के बीज उपलब्ध हुए हैं।

अफगानिस्तान से आयात होता है 90 प्रतिशत हींग

आंकड़े बताते हैं कि देश में प्रतिवर्ष 1145 टन हींग की खपत होती है तथा देश 70 मिलियन डॉलर का हींग प्रतिवर्ष आयात करता है। अफगानिस्तान भारत को हींग की  आपूर्ति करने वाला सबसे प्रमुख देश है। अफगानिस्तान से 90 प्रतिशत हींग भारत आयात करता है जबकि 8 प्रतिशत उज्बेकिस्तान तथा 2 प्रतिशत की ईरान से हींग आयात किया जाता है। बता दें कि विश्व में प्रति व्यक्ति हींग की खपत भारत में सबसे अधिक है।

किसानों को अगले वर्ष उपलब्ध होगा हींग

सीएसआईआर के हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार बताया कि पहली बार देश में नैशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जैनेटिक के माध्यम से संस्थान को हींग के बीज उपलब्ध हुए हैं और उनकी देखरेख में सारा कार्य हो रहा है तथा अगले वर्ष तक यह किसानों को उपलब्ध हो जाएगा। हींग लाहौल-स्पीति, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख तथा शीत मरूस्थल के क्षेत्र की आर्थिकी को बदलने का सामथ्र्य रखता है।

संस्थान को मिले हींग के 6 किस्मों के बीज

वहीं संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि एनपीजीआर नई दिल्ली संस्थान को हींग के 6 किस्मों के बीज उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत हींग का सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन भारत में हींग उगाई नहीं जाती। उन्होंने कहा कि संस्थान का प्रयास है कि देश के लिए हींग उगाई जाए और इससे किसानों की आर्थिकी भी मजबूत बनाई जाए।

Vijay