Mass communication officer cum lecturer के अब 5 नहीं 7 पद भरेगा स्वास्थ्य विभाग

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 10:09 AM (IST)

शिमला (ब्यूरो): स्वास्थ्य महकमे में मास कम्युनिकेशन ऑफिसर-कम-लैक्चरार के अब पांच नहीं सात पद भरे जाएंगे। सरकार ने 31 अक्तूबर को ही इनके भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में फिर से संशोधन किया है। इसके मुताबिक अब स्वास्थ्य निदेशालय परिमहल शिमला और कांगड़ा के छैब स्थित ट्रेङ्क्षनग सैंटर में भी मास कम्युनिकेशन ऑफिसर -कम- लैक्चरार के दो पदों को सृजित किया है। सूत्रों का दावा है कि परिमहल में विभाग के एक उच्च अधिकारी की पत्नी को तैनाती तथा छैब ट्रेनिंग सैंटर में एक पूर्व मंत्री की रिश्तेदार को तैनाती देने के लिए पद सृजित किया गया है। इससे पहले राज्य सरकार स्वास्थ्य अधिकारी की पत्नी व पूर्व में मंत्री रहे नेता की रिश्तेदार को फायदा देने के लिए मास कम्युनिकेशन ऑफिसर-कम-लैक्चरार के लिए अनिवार्य छ: साल के टीचिंग अनुभव में छूट दे चुकी है। अब इनकी तैनाती के लिए दो अतिरिक्त पद भी सृजित कर दिए गए हैं।

बता दें कि राज्य सरकार हैल्थ एजुकेटर को मास कम्युनिकेशन ऑफिसर-कम -लैक्चरार पद पर पदोन्नति देने जा रही है। इसी मंशा से सरकार ने आर.एंड पी. नियमों को 12 महीने में ही बदल डाला है। पहले शिमला, नाहन, हमीरपुर, चम्बा और टांडा मैडीकल कालेज में ही पद भरने की योजना थी, अब परिमहल और छैब में भी इन्हें तैनाती दी जाएगी। मास कम्युनिकेशन ऑफिसर-कम-लैक्चरार के लिए एम.फिल. सहित छ: साल का टीचिंग अनुभव अनिवार्य है। नेरचौकमैडीकल कालेज में पहले ही इस पद पर शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले एक हैल्थ एजुकेटर को पदोन्नति दी जा चुकी है। कुछ लोग इनकी डिग्री की वैधता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। अब सात नए पद पदोन्नति के माध्यम से हैल्थ एजुकेटर में से भरे जाने हैं। फिलहाल इनकी पदोन्नति के लिए डी.पी.सी. की फाइल सरकार के पास लंबित है।

स्टेट टी.ओ.टी. को पदोन्नत करने की मांग

स्वास्थ्य महकमे में कुछेक हैल्थ एजुकेटर ने स्टेट टी.ओ.टी. का एग्जाम पास कर रखा है। टी.ओ.टी. सालभर बी.एम.ओ., डाक्टर, आशा वर्कर सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को पढ़ाते रहते हैं। इन लोगों को मास कम्युनिकेशन ऑफिसर-कम-लैक्चरार पद के लिए पात्र घोषित करने की मांग उठ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग छ: साल के टीङ्क्षचग अनुभव की शर्त को छूट देकर चहेतों को पदोन्नति देने जा रहा है।

डी.पी.सी. के दौरान जांची जाएगी डिग्री की वैधता

अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि डी.पी.सी. के दौरान पदोन्नति के लिए आए पैनल की डिग्री की वैधता को जांचा जाएगा। आर. एंड. पी. में छूट इसलिए दी गई है क्योंकि सरकार को पात्र लोग नहीं मिल रहे थे।


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Edited By

Simpy Khanna

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