CDSCO इंस्पैक्टर के निलबंन मामले में डिप्टी ड्रग कंट्रोलर, फार्मा उद्योग व स्टेट इंस्पैक्टर को Notice

Thursday, Nov 22, 2018 - 10:11 PM (IST)

मानपुरा: बरोटीवाला के फार्मा उद्योग में सैंपल लेने गए इंस्पैक्टर की शिकायत के मात्र एक दिन बाद ही निलंबन मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। निलंबित सी.डी.एस.सी.ओ. इंस्पैक्टर ने इस मामले में हाईकोर्ट का सहारा लेते हुए सी.डी.एस.सी.ओ. के डिप्टी ड्रग कं ट्रोलर, फार्मा उद्योग व स्टेट ड्रग इंस्पैक्टर को हाईकोर्ट का नोटिस थमा दिया है। निलंबित इंस्पैक्टर के वकील का कहना है कि 25 अक्तूबर को सी.डी.एस.सी.ओ. एक एक्सपायर इंजैक्शन डरोटावैरिन का सैंपल लेने के लिए उद्योग में गया, जोकि गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान लगता है। उसे उद्योग में सैंपल देने से रोका जाता है और बिना सैंपल लिए ही उसे वापस भेज दिया जाता है। 29 अक्तूबर को उक्त इंस्पैक्टर की शिकायत होती है और 30 अक्तूबर को बिना किसी जांच के ही उद्योग को बचाने के लिए उसका निलंबन कर दिया जाता है।

जब अथॉरिटी नहीं थी तो क्यों भेजा सैंपल लेने

उन्होंने यह भी बताया कि जब निलंबित इंस्पैक्टर को उक्त एक्सपायर दवा का सैंपल नहीं लेने दिया गया तो इतने दिन बीत जाने के बाद भी वहां कोई अन्य इंस्पैक्टर क्यों नहीं भेजा गया। जब सी.डी.एस.सी.ओ. के इंस्पैक्टर को सैंपल लेने की अथॉरिटी ही नहीं है तो विभाग के हैड द्वारा उन्हें उक्त उद्योग में सैंपल लेने के लिए क्यों भेजा गया। निलंबित इंस्पैक्टर के वकील का कहना है कि इस सारे मामले में औद्योगिक संस्थाओं के दबाव में और उद्योग को बचाने के लिए सी.डी.एस.सी.ओ. के इंस्पैक्टर की बलि ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपरोक्त तीनों लोगों को कोर्ट का नोटिस भेज दिया गया है।

प्राइवेट वकील से लड़ेंगे केस

हाईकोर्ट के वकील सौरव वर्मा का कहना है कि सी.डी.एस.सी.ओ. के इंस्पैक्टर कवियारासन के निलंबन मामले में संबंधित फार्मा उद्योग, सी.डी.एस.सी.ओ. के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर व स्टेट इंस्पैक्टर को नोटिस भेज दिया गया है। उपरोक्त तीनों लोग अपने वकील के साथ केस लड़ेंगे न कि सरकारी वकील इनका केस लड़ेगा।

यह है मामला

विदित रहे कि बरोटीवाला के फार्मा उद्योग का 23 अक्तूबर, 2018 को डरोटावैरिन इंजैक्शन का सैंपल फेल हुआ था। यह इंजैक्शन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लगता है। इसके बाद सी.डी.एस.सी.ओ. का इंस्पैक्टर कवियारासन उक्त उद्योग में गया और उद्योग में कार्यरत अधिकारियों ने उसे सैंपल लेने से मना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि उक्त उद्योग में इंस्पैक्टर के हाथ ऐसा मैटीरियल लगा है जोकि एक्सपायर था और एक मैटीरियल तो ऐसा था, जोकि वर्ष 2014 में एक्सपायर हो गया था, जिनकी तस्वीरें भी उक्त इंस्पैक्टर ने खींची हैं। यही नहीं, उद्योग में प्रयोग होने वाली दवाओं पर लाइसैंस नम्बर भी नहीं था। उसके बाद उक्त उद्योग द्वारा 29 अक्तूबर को उक्त इंस्पैक्टर की शिकायत गई थी और 30 अक्तूबर को बिना किसी जांच के ही इंस्पैक्टर को निलंबित कर दिया गया।

Vijay