अभी दिन नहीं अच्छे, प्रदेश में सैकड़ों भिखारी बच्चे

Tuesday, Sep 11, 2018 - 10:50 AM (IST)

पालमपुर : बेशक साक्षरता मिशन या फिर झुग्गी-झोंपड़ी वालों के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई कई उत्थानकारी योजनाएं हों लेकिन प्रदेश भर में बढ़ रही भिखारी बच्चों की संख्या अब सैंकड़ों में हो गई है। बच्चे पकड़े जाते हैं, माता-पिता बुलाए जाते हैं, बच्चे छोड़ दिए जाते हैं और फिर दूसरे दिन वही नजारा। कोई ठोस कार्रवाई न होने के चलते ऐसे भिखारी बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कभी धार्मिक स्थानों पर दिखने वाले कुछ भीख मांगने वाले बच्चों को अब प्रदेश के हर बस अड्डे, यहां तक की सरकारी दफ्तरों के आसपास भी देखा जा सकता है। 


पर्यटन स्थल कुल्लू-मनाली में भी भिक्षावृत्ति का ग्राफ बढ़ा है। दशहरे के आसपास तो यह संख्या सैंकड़ों में पहुंच जाती है। बच्चों की भिक्षावृत्ति से प्रदेश में आने वाले पर्यटकों पर भी प्रदेश की गलत छवि उत्पन्न होती है। डी.पी.ओ. कुल्लू विरेंद्र आर्य का कहना है कि यह समस्या प्रवासियों के कारण अधिक बढ़ रही है। उधर प्रदेश के हर जिला में विद्यमान प्रशासनिक अधिकारी, महिला व बाल विकास सहित पुलिस इस दिशा में उचित कदम उठा सकते हैं लेकिन इस दिशा में फिलहाल चाइल्ड लाइन ही राज्यभर में कार्य करती नजर आ रही है। 


एन.जी.ओ. द्वारा की जा  रही तमाम कोशिशें भी एक से दो माह के पश्चात जस की तस स्थिति में पहुंच जा रही हैं। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा देश के हर राज्य में स्थित प्रवासी बच्चों के सरकारी अस्पतालों में डी.एन.ए. टैस्ट करवाने तक सरकार व संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा चुके हैं जिसकी वजह पश्चिम बंगाल में पकड़़े  गए प्रवासी दिहाड़ीदारों व उनके बच्चों में आपसी खून का संबंध नहीं मिलना है लेकिन हिमाचल राज्य में इस दिशा में कार्य अभी पूर्ण रूप से शुरू नहीं हो पाया है। 

kirti