नार्वे के राजदूत ने किया इंडो-नार्वे ट्राऊट परियोजना का दौरा

Friday, May 11, 2018 - 08:15 PM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रवास पर आए नार्वे के राजदूत नेल्स रेग्नार कामस्वेग ने हिमाचल प्रदेश में निर्मित नार्वे की सहायता से भारत नार्वेजियन ट्राऊट परियोजना पतलीकूहल कुल्लू का दौरा किया। इसमें उनके साथ उनकी पत्नी मारटा, द्वितीय सचिव हेलगे ट्रयाती, वाणिज्य सलाहकार व दिल्ली में नार्वे दूतावास की वरिष्ठ सलाहकार आरती भाटिया उपस्थित थीं। प्रदेश मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। उन्होंने बताया कि ट्राऊट फार्म पतलीकूहल में नार्वेजियन सरकार के सहयोग से निर्मित इंडो-नार्वे ट्राऊट परियोजना पतलीकूहल की स्थापना से लेकर आज तक ट्राऊट उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस फार्म पर केवल रेनवो ट्राऊट का ही उत्पादन किया जा रहा है जबकि विश्व में ट्राऊट मत्स्य का तेजी से विकास हो रहा है, जिसमें यदि विभाग को प्रतिस्पर्धा करनी हो तो नार्वे के पुन: सहयोग की आवश्यकता रहेगी।


कम लागत वाली ट्राऊट को आहार बनाने में दिया जाए सहयोग
मत्स्य विभाग के निदेशक ने पावर प्वाइंट पै्रजैंटेशन के माध्यम से नार्वे से आए राजदूत को ट्राऊट के क्षेत्र में आ रही कठिनाइयों से अवगत करवाते हुए उनसे अनुरोध किया कि प्रदेश में कम लागत वाली ट्राऊट को आहार बनाने में और आर्किटैक्चर तथा लेक ट्राऊट के पालन में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाए। इसके अतिरिक्त रेनवो ट्राऊट प्रजाति की नई विकसित पौध उपलब्ध करवाने के साथ-साथ ठंडे पानी में मत्स्य पालन की नई तकनीक से भी अवगत करवाया जाए।

Vijay