अब गैर-हिमाचली नहीं खरीद पाएंगे हिमाचली लोगों के छोटे प्रोजैक्ट, पढ़ें खबर

Thursday, Sep 13, 2018 - 10:25 PM (IST)

शिमला: हिमाचली लोगों की तरफ से बनाए गए छोटे पावर प्रोजैक्टों को अब गैर-हिमाचली नहीं खरीद पाएंगे। सिर्फ मूल हिमाचलियों को ही छोटे पावर प्रोजैक्टों को खरीदने का अधिकार होगा। बाहरी राज्यों के धन्नासेठों की भी हिमाचल प्रदेश के छोटे पावर प्रोजैक्टों पर नजर है। इसी तरह हिमाचल के भी कई ऐसे युवा जिन्होंने प्रोजैक्ट ले रखे हैं लेकिन लागत बढ़ने की स्थिति में इन्हें बाहरी राज्यों को बेचना चाहते हैं। कई इन प्रोजैक्टों को मुनाफा कमाने के लिए बेचना चाहते हैं जिसे देखते हुए इन्हें गैर-हिमाचलियों को बेचने के निर्णय पर रोक लगा दी गई है। जानकारी के अनुसार कई लोगों की तरफ से प्रोजैक्ट बेचने को लेकर गुहार भी लगाई जा रही थी लेकिन अब ऐसे प्रस्तावों पर अमल नहीं होगा।

लागत बढ़ने के बाद स्थापित नहीं हुए प्रोजैक्ट
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दर्जनों ऐसे प्रोजैक्ट हैं जिनको आबंटन के बाद स्थापित नहीं किया जा सका है। राज्य में बीते वर्षों में हैदराबादियों को पावर प्रोजैक्ट आबंटन का मुद्दा सामने आया था। प्रोजैक्टों के कारोबार में हैदराबादियों को चांदी कूटता देख प्रदेश के युवाओं ने भी सैंकड़ों प्रोजैक्ट लिए हैं। प्रोजैक्ट लेने वालों में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के अलावा कई बेरोजगार युवा भी हैं। मौजूदा समय में पन बिजली की कीमतें बाजार में बहुत अधिक नहीं हैं। इस कारण प्रोजैक्ट लगाने की लागत बढ़ रही है। प्रोजैक्ट की लागत बढ़ने के बाद इसे स्थापित नहीं किया जा सका है। अब प्रोजैक्ट लेने वाले युवा सरकार से इन्हें बेचने की अनुमति की गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे नकार दिया है। 

उत्पादन कम होने के बावजूद अधिक कमाई
बीते साल के मुकाबले इस बार प्रदेश में बिजली का उत्पादन कम होने के बावजूद अब तक बोर्ड ने 70 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई की है। इसके अलावा गत वर्ष बोर्ड ने 700 करोड़ रुपए की बिजली बेची थी मगर इस साल अब तक 770 करोड़ रुपए की बिजली बेची है। गत वर्ष प्रति यूनिट बिजली की 2.91 रुपए कीमत के मुकाबले इस बार बिजली की कीमत 3.70 रुपए प्रति यूनिट है।

मूल हिमाचली को ही बेच सकेंगे छोटे प्रोजैक्ट : शर्मा
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने संपर्क करने पर बताया कि मूल हिमाचली को ही छोटे पावर प्रोजैक्ट बेचे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि करीब 300 करोड़ रुपए के पावर प्रोजैक्टों को निवेशक छोड़ चुके हैं। पन बिजली की कीमतें कम होने की वजह से इन प्रोजैक्टों को लगाने में निवेशक इच्छुक नहीं हैं।

Vijay