आजादी के 73 वर्ष बाद भी भाग्य रेखा को तरसा गांव, 3 KM कंधे पर ढोने पड़ रहे मरीज

Tuesday, Sep 10, 2019 - 10:07 PM (IST)

भराड़ी: घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत आनी वाली ग्राम पंचायत पड़यालग के गांव भगड़वान के निवासी आजादी के 73 वर्षों के बाद भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। जहां एक तरफ सरकारें चांद पर दुनिया बसाने की बात कर रही हैं, वहीं भगड़वान निवासी मरीजों को 3 किलोमीटर कंधे पर उठाकर सड़क तक ले जाते हैं। भगड़वान निवासियों ने वर्ष 2017 में खुद ही कच्ची सड़क बाड़ी से भगड़वान का निर्माण किया था, जिसमें लगभग 2 लाख रुपए का खर्च आया था लेकिन वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में हुई भारी बरसात के कारण यह सड़क नाले में तबदील हो चुकी है। इस सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है।

बीमार को मुख्य सड़क पर पहुंचाना खतरे से खाली नहीं

इस गांव में मकान बनाना भी मुश्किल है क्योंकि यहां पर निर्माण सामग्री को लाने में दोगुना खर्च हो जाता है। सामग्री को पहले मुख्य सड़क पर उतारना पड़ता है फिर वहां से घोड़ों, खच्चरों या मजदूरों द्वारा इसकी ढुलाई करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें सड़क के बिना बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांव में अगर रात को कोई बीमार पड़ जाए तो उसे मुख्य सड़क पर पहुंचाना खतरे से खाली नहीं है। इस बारे में लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस गांव तक बनी सड़क को एम्बुलैंस जाने योग्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आए दिन कोई न कोई इस गांव में बीमार पड़ता रहता है और ऐसी स्थिति में उन्हें अस्पताल तक लेकर जाना और वहां से लेकर आने में भारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

क्या बोलीं पड़यालग पंचायत की प्रधान

पड़यालग पंचायत प्रधान सुनीता शर्मा ने बताया कि पंचायत में इसके लिए मनरेगा के तहत 2 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं लेकिन इस सड़क की लंबाई बहुत है। हर साल इस सड़क की मुरम्मत करवाई जाती है लेकिन बरसात के कारण जगह-जगह से सड़क बह गई है, जहां पर काफी बड़े-बड़े डंगे लगने हैं, जिनके लिए यह राशि पर्याप्त नहीं है। पंचायत द्वारा सरकार से मांग की गई है कि इस गांव के लिए एम्बुलैंस योग्य सड़क की व्यवस्था करवाई जाए।                          

Vijay