एनआईटी हमीरपुर कथित भर्ती घोटाले पर श्वेत पत्र करे जारी : राणा

Saturday, Jun 27, 2020 - 05:01 PM (IST)

हमीरपुर : एनआईटी कथित भर्ती घोटाले को लेकर उग्र हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि एनआईटी के डायरेक्टर 1 अप्रैल 2018 से आज की तिथि तक एनआईटी में हुई तमाम भर्तियों पर श्वेत पत्र जारी करे। उन्होंने पूछा है कि डायरेक्टर बताए कि इस अवधि के बीच कितनी भर्तियां कहां-कहां हुई हैं, किस-किस विभाग में हुई हैं और देश के किन-किन राज्यों के लोग भर्ती हुए हैं? एक ही समुदाय के लोगों की भर्ती पर भी एनआईटी प्रशासन स्थिति स्पष्ट करे। एनआईटी हमीरपुर में अहम पदों पर बैठे डिप्टी रजिस्ट्रार व असिस्टेंट रजिस्ट्रार कब भर्ती किए गए हैं और इनका एनआईटी के डायरेक्टर से नाता क्या है, इस पर भी स्थिति स्पष्ट करें। 

उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि एनआईटी डायरेक्टर को यह भी स्पष्ट करना होगा कि हाल ही में भर्ती किए गए लोगों को जिनका प्रोवेशनल पीरियड तक पूरा नहीं हुआ है, उन लोगों को एडमिनिस्ट्रेटिव व फाइनेंशियल पावर किस नियम के आधार पर दी गई है। जबकि यह मामला सीधे-सीधे नियमों की अवेहलना का है। प्रोवेशनल पीरियड पर रखे गए लोगों को करोड़ों का ऋण नौकरी लगते ही संस्थान ने किस आधार पर लेने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि नए भर्ती हुए लोगों को रिसर्च असिस्टेंस के लिए 5-5 लाख रुपया किस नियम के आधार पर दिए गए हैं।  उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि कहीं यह मामला किक बैक का तो नहीं है? जिसकी चर्चाएं एनआईटी के साथ अब पूरे प्रदेश में हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि अगर एनआईटी हमीरपुर में सब ठीक हुआ है तो भर्ती किए गए लोगों की लिस्ट परमानेंट पते के साथ जारी करने में डायरेक्टर महोदय लगातार गुरेज क्यों कर रहे हैं। उन्होंने सांसद अनुराग ठाकुर की इस मामले में चुप्पी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अफसोस यह है कि लगातार एनआईटी हमीरपुर में कथित भ्रष्टाचार की चर्चाओं के बीच सांसद अनुराग ठाकुर इस मामले पर आंखों पर पट्टी व कानों में रूईं डाल कर बैठे हैं। उनके इस मामले को एड्रेस न करने के कारणों का खुलासा भी आने वाले वक्त में जल्द होगा।

उन्होंने कहा कि भेदभाव के कारण प्रताड़ित हुए लोग अब धरना-प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। अगर अब भी एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर ने अपनी मनमानी जारी रखी तो भविष्य के अंजामों के वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा है कि एनआईटी का कथित भर्ती घोटाला हर तीसरे आदमी की जुबां पर चर्चा में 7है, लेकिन एमएचआरडी मंत्रालय इस गड़बड़झाले पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है, जो कि सरकार के कथित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के तौर पर इंगित हो रहा है।
 

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prashant sharma