एनएचएआई व प्रशासन की टीम ने किया नुकसान का जायज

Friday, Dec 11, 2020 - 05:07 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर) : जिला कुल्लू के मुख्यालय के साथ लगती पुईद पंचायत के चौकी डोभी में फोरलेन के निर्माण के दौरान कुछ घरों व रास्तों को भी नुकसान पहुंचा था। जिसका निरीक्षण एनएचएआई व जिला प्रशासन की संयुक्त कमेटी के द्वारा किया गया। वहीं, प्रभावित ग्रामीणों को भी नुकसान की भरपाई जल्द देने का आश्वासन दिया गया। शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम कुल्लू डॉ. अमित गुलेरिया भी मौजूद रहे। वहीं संयुक्त टीम के द्वारा चौकी डोभी व साथ लगते इलाकों का निरीक्षण किया गया। 

फोरलेन के निर्माण के दौरान यहां करीब 20 घरों को नुकसान पहुंचा है और डंगे खिसकने के कारण अभी भी कई मकान खतरे की जद में है। वही स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस दौरान कमेटी के समक्ष अपना रोष जताया। प्रभावित परिवारों का कहना है कि पिछले लंबे समय से यहां पर भूस्खलन की समस्या पेश आ रही है और उनके घरों की ओर जाने वाले रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लेकिन हर बार कमेटी द्वारा निरीक्षण कर वापस चली जाती है और उनकी समस्या वैसी की वैसी ही बनी हुई है। ऐसे में ग्रामीणों के नुकसान को देखते हुए यहां जल्द से जल्द डंगे लगाए जाएं और उनके घरों व जमीन को भी सुरक्षित बचाया जाए। 

वही पुईद पंचायत की प्रधान निर्मला का कहना है कि ग्रामीणों में एनएचएआई के खिलाफ काफी रोष है। फोरलेन के निर्माण के कार्य के चलते कई लोग यहां से विस्थापित भी हुए हैं वहीं अब ग्रामीणों ने यह चेतावनी भी दी है कि जल्द ही अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे आने वाले पंचायत चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे। स्थानीय निवासी मंजू का कहना है कि बहुत बार यहां पर निरिक्षण किया गया है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। अगर यहाँ जल्द समाधान नहीं निकला तो आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा स्थानीय निवासी विवेक शर्मा का कहना है कि ग्रामीणों का स्थाई समाधान निकलना चाहिए और फोरलेन का निर्माण भी देश हित में होना चाहिए और साथ ही सड़क का निर्माण भी साथ लगती पंचायत के लिए होना चाहिए। 

एसडीएम कुल्लू अमित गुलेरिया का कहना है कि एनएचएआई और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने उसको का दौरा किया है और नुकसान की रिपोर्ट भी अब जल्द ही सरकार द्वारा गठित गठित कमेटी को भेजी जा रही है। ताकि ग्रामीणों की समस्या का जल्द समाधान हो सके। गौर रहे कि बीते साल भी बरसात के मौसम में भूस्खलन के कारण कई लोगों के मकानों में दरारें आ गई थी। तो कुछ लोगों को मजबूरन विस्थापित होकर यहां से दूसरी जगह बसना पड़ा था।
 

prashant sharma