NGT की सख्ती से स्टोन क्रशर संचालकों में खौफ

Saturday, Dec 22, 2018 - 12:06 PM (IST)

कुल्लू : नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों से स्टोन क्रशर संचालकों में खौफ बरकरार है। खनन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर रखी है। 29 दिसम्बर को इस रिपोर्ट को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश किया जाएगा। स्टोन क्रशर संचालकों को सरकार से उम्मीद है कि सरकार बेहतरीन तरीके से पक्ष नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष रखेगी। बीते रोज भी स्टोन क्रशरों का उत्पादन ठप्प रखकर क्रशर संचालकों ने संदेश दे दिया कि इससे निर्माण रुक सकता है। जिला खनन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक कुल्लू में 13 स्टोन क्रशर कार्यरत हैं। कुछ स्टोन क्रशर वर्किंग कंडीशन में नहीं हैं। इस शिकंजे के कारण कई ऐसे स्टोन क्रशर भी जद्द में आएंगे जो बिना अनुमति के ही चले हुए हैं। बताया जा रहा है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के डंडे से कुल्लू में इक्का-दुक्का स्टोन क्रशर ही बच पा रहे हैं। इससे पहले ही क्रशर संचालक गाज से बचने के तरीके ढूंढ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में एन.जी.टी. की सख्ती से दर्जनों स्टोन क्रशरों पर ताले लटक जाएंगे। ऐसे में कई स्टोन क्रशर संचालक अधिकारियों से सांठ-गांठ कर कागजों में गड़बड़ी करके बच निकलने की फिराक में भी हैं।

एन.जी.टी. लगा चुका है कड़ी फटकार

दूसरी ओर होटलों की सही तरीके से इंस्पैक्शन न होने पर भी पूर्व में एन.जी.टी. ने कड़ी फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, करीब 1,000 होटलों के निरीक्षण के लिए समय सीमा फिक्स करते हुए रिपोर्ट तलब की थी। फटकार के बाद अधिकारियों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए निर्धारित समय में रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत कर अपनी खाल बचाई थी। इधर, क्रशरों में उत्पादन बंद होने का असर निर्माण कार्यों पर भी पड़ेगा।

kirti